Corona Virus: नोएडा में एक बार फिर से कोरोना वायरस का कहर लौटता दिखाई दे रहा है। गुरुवार को जहां जिले में 20 नए मरीजों की पुष्टि हुई, वहीं कोविड संक्रमण से पहली मौत का मामला भी सामने आया है। यह मौत साढ़े तीन साल की एक बच्ची की है, जिसका इलाज दिल्ली के चाचा नेहरू अस्पताल में चल रहा था।
मासूम बच्ची की कोरोना से मौत
एसीएमओ डॉ. टीकम सिंह ने बताया कि मृत बच्ची नोएडा के छिजारसी इलाके की रहने वाली थी। उसे तेज़ बुखार, डिहाइड्रेशन और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच में निमोनिया और कोविड दोनों की पुष्टि हुई थी। बच्ची की हालत बेहद नाज़ुक थी और गुरुवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। अस्पताल द्वारा यह जानकारी कोविड पोर्टल पर अपलोड की गई, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने परिजनों से संपर्क किया।
कुल संक्रमितों की संख्या 158(Corona Virus)
नोएडा जिले में अब कोविड के कुल 158 एक्टिव केस हो चुके हैं। इनमें से 94 पुरुष और 64 महिलाएं हैं।
- अब तक 7 मरीज पूरी तरह ठीक हो चुके हैं।
- फिलहाल सिर्फ 2 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं, बाकी होम आइसोलेशन में इलाज ले रहे हैं।
- कुल 151 मरीज एक्टिव हैं।
स्वास्थ्य विभाग की टीम मरीजों के नियमित संपर्क में है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां तेज़(Corona Virus)
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जांच का दायरा बढ़ाने की तैयारी कर ली है।
- अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) पर भी कोविड जांच शुरू की जाएगी।
- इसके लिए आवश्यक जांच किट जिला मुख्यालय पर पहुंच चुकी हैं।
- बृहस्पतिवार को सात लोगों के कोविड सैंपल लिए गए।
इसके अलावा, लखनऊ से निर्देश मिलने पर सभी स्वास्थ्य केंद्रों से उपलब्ध संसाधनों की रिपोर्ट मांगी गई है, जिसमें ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, बेड, नेबुलाइज़र और दवाओं की जानकारी शामिल है।
75 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर स्टैंडबाय पर, सभी ऑक्सीजन प्लांट कार्यशील (Corona Virus)
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि भंगेल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 75 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध हैं। जरूरत पड़ने पर इन्हें अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में ट्रांसफर किया जाएगा।
सभी ऑक्सीजन प्लांट्स का निरीक्षण कर लिया गया है और वे पूरी क्षमता के साथ कार्य कर रहे हैं।
कॉल सेंटर के लिए शिक्षकों की मदद मांगी गई
मरीजों से नियमित संपर्क बनाए रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग को कॉल सेंटर संचालन में मुश्किलें आ रही हैं। इस वजह से बेसिक शिक्षा विभाग से शिक्षकों की मांग की गई है, ताकि वे कॉल सेंटर में सहयोग कर मरीजों की स्थिति की जानकारी ले सकें और डेटा अपडेट कर सकें।
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