ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट श्री अनुकेत बच्चों की मोटर स्किल्स, संतुलन, शरीर नियंत्रण तथा दैनिक क्रियाओं में दक्षता लाने का कार्य करते हैं। वहीं, स्पीच थैरेपिस्ट श्री दीपक कुमार उन बच्चों के साथ कार्य करते हैं जो बोलने, शब्दों के सही उच्चारण या विचारों को व्यक्त करने में परेशानी का सामना करते हैं। उनकी मेहनत से कई बच्चों ने पहली बार ‘माँ’ और ‘पापा’ जैसे शब्द कहे, जिससे परिवारों में अपार खुशी की लहर दौड़ गई।
परिवार की भागीदारी और जागरूकता
केंद्र की एक और खास बात यह है कि थैरेपी के साथ-साथ माता-पिता को भी प्रशिक्षण दिया जाता है। डॉ. वंदना का मानना है कि परिवार ही बच्चे का पहला शिक्षक होता है। इसलिए अभिभावकों को यह सिखाया जाता है कि वे घर पर बच्चे की भाषा, व्यवहार और सामाजिक क्षमता कैसे विकसित कर सकते हैं।
संवेदनशील और प्रेरणादायक वातावरण
यह केंद्र केवल चिकित्सा सेवाएं नहीं देता, बल्कि बच्चों को एक ऐसा सुरक्षित और सहानुभूतिपूर्ण वातावरण प्रदान करता है, जहाँ वे खुद को सहज महसूस करते हैं और डर व झिझक से बाहर निकल कर आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते हैं। यहाँ दर्जनों बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा चुका है, और यह यात्रा निरंतर जारी है।
एक सामाजिक संदेश
डॉ. राकेश कुमार का यह संदेश समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है — “हर बच्चा अलग है, लेकिन कोई भी असंभव नहीं है।” यह हम सभी की सामूहिक ज़िम्मेदारी है कि विशेष बच्चों को नज़रअंदाज़ करने के बजाय उन्हें सही समय पर सही संसाधन और सहारा प्रदान करें।
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