Birth Certificate: उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अहम प्रशासनिक निर्णय लेते हुए आधार कार्ड को जन्मतिथि के प्रमाण के रूप में स्वीकार करने पर रोक लगा दी है। योजना विभाग द्वारा जारी नए आदेश में कहा गया है कि आधार कार्ड में दर्ज जानकारी किसी वैध जन्म प्रमाणपत्र से सत्यापित नहीं होती, इसलिए इसे जन्म प्रमाणपत्र की श्रेणी में मान्यता नहीं दी जा सकती।
इस आदेश को सभी सरकारी विभागों को सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।
क्यों नहीं माना जाएगा आधार कार्ड?
योजना विभाग के विशेष सचिव अमित सिंह बंसल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि आधार कार्ड के साथ कोई मूल जन्म प्रमाणपत्र संलग्न नहीं होता, इसलिए इसकी जानकारी को जन्म तिथि का विश्वसनीय प्रमाण नहीं माना जा सकता।
अधिकारियों को स्पष्ट कहा गया है कि किसी भी सरकारी प्रक्रिया—चाहे वह प्रमाणपत्र जारी करना हो, रिकॉर्ड अपडेट करना हो या किसी दस्तावेज़ का सत्यापन—उसमें आधार को जन्म प्रमाण के रूप में स्वीकार न किया जाए।
महाराष्ट्र ने भी लिया ऐसा ही निर्णय
उत्तर प्रदेश से पहले महाराष्ट्र सरकार भी यही नीति लागू कर चुकी है। राज्य के राजस्व विभाग ने स्पष्ट किया है कि आधार कार्ड को विलंबित जन्म प्रमाणपत्र बनाने के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता।
जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम 2023 लागू होने के बाद ऐसे सभी प्रमाणपत्रों को रद्द किया जा चुका है, जो केवल आधार के आधार पर बनाए गए थे।
राजस्व विभाग ने 16-बिंदु सत्यापन गाइडलाइन भी जारी की है, जिसके अनुसार डिप्टी तहसीलदार द्वारा जारी पुराने आदेश वापस लिए जाएंगे और उच्च अधिकारियों द्वारा जांच की जाएगी। गलत प्रमाणपत्र जारी करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की भी तैयारी है।राजस्व विभाग ने 16-बिंदु सत्यापन गाइडलाइन भी जारी की है, जिसके अनुसार डिप्टी तहसीलदार द्वारा जारी पुराने आदेश वापस लिए जाएंगे और उच्च अधिकारियों द्वारा जांच की जाएगी। गलत प्रमाणपत्र जारी करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की भी तैयारी है।
सुप्रीम कोर्ट ने मतदाता पहचान के लिए आधार को माना वैध
एक अलग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड को मान्यता देते हुए कहा है कि बिहार में मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए पहचान प्रमाण (ID Proof) के रूप में आधार कार्ड का उपयोग किया जा सकता है।
कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया में पहले से मान्य 11 दस्तावेज़ों के साथ आधार कार्ड को भी शामिल किया जाए।
अवैध प्रवासियों पर सरकार की सख्ती
इसी बीच, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले सप्ताह सभी जिलाधिकारियों को अपने क्षेत्रों में रह रहे अवैध प्रवासियों की पहचान कर कठोर कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
सरकारी बयान के अनुसार—
- हर जिले में अवैध प्रवासियों की पहचान तेजी से हो
- नियमों के अनुसार कार्रवाई शुरू की जाए
- अस्थायी निरुद्धि केंद्र बनाए जाएं
- जिनकी विदेशी नागरिकता साबित हो जाए, उन्हें मूल देश भेजा जाए
यह कदम उस समय उठाया गया है जब देशभर में विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) जारी है, जिसकी अंतिम सूची 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित होगी।
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