Bilaspur Train Collision: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में रविवार सुबह एक भीषण रेल हादसे ने सबको दहला दिया। हावड़ा-मुंबई रेलमार्ग पर चल रही एक पैसेंजर ट्रेन और मालगाड़ी की आमने-सामने टक्कर हो गई। यह घटना लालखदान स्टेशन के नजदीक हुई, जहां टक्कर इतनी तेज थी कि ट्रेन के कई कोच क्षतिग्रस्त हो गए।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, अब तक 6 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है जबकि 12 से अधिक यात्री घायल बताए जा रहे हैं।
राहत और बचाव अभियान में जुटा प्रशासन
हादसे की सूचना मिलते ही दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) और जिला प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं और तत्काल राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया गया।
स्थानीय ग्रामीणों की मदद से घायलों को ट्रेन से निकालकर नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। गंभीर रूप से घायल यात्रियों को बिलासपुर जिला अस्पताल भेजा गया है, जबकि कुछ का इलाज मौके पर ही किया जा रहा है।
जांच समिति गठित, तकनीकी गड़बड़ी की आशंका
रेल प्रशासन ने हादसे की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। अधिकारियों ने बताया कि एक विशेष जांच टीम बनाई गई है जो इस दुर्घटना के वास्तविक कारणों की जांच करेगी।
संभावना जताई जा रही है कि हादसा सिग्नल फेलियर या तकनीकी खराबी के कारण हुआ। हालांकि, आधिकारिक रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। मौके पर तकनीकी विशेषज्ञ ट्रैक और ओवरहेड वायर की मरम्मत का कार्य कर रहे हैं।
ट्रेन संचालन प्रभावित, कई सेवाएं रद्द या डायवर्ट
टक्कर की वजह से हावड़ा-मुंबई रेल रूट पर ट्रेन संचालन बाधित हो गया है। कई ट्रेनों को रद्द या अन्य मार्गों पर डायवर्ट किया गया है।
टक्कर के दौरान ओवरहेड वायर और सिग्नल सिस्टम पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे पूरे ट्रैक पर यातायात ठप हो गया। रेलवे का कहना है कि मरम्मत कार्य तेज़ी से जारी है ताकि जल्द से जल्द रूट को बहाल किया जा सके।
रेलवे ने यात्रियों से की अपील
रेल प्रशासन ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें और केवल रेलवे की आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करें।
रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं ताकि प्रभावित यात्री अपने टिकट से जुड़ी जानकारी और सहायता प्राप्त कर सकें।
राज्य सरकार ने जताया दुख, मुआवजे की घोषणा
छत्तीसगढ़ सरकार ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि घायलों के इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए।
सरकार ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और कहा है कि इस कठिन घड़ी में राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के साथ है।
सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल
यह रेल हादसा एक बार फिर रेलवे सुरक्षा प्रणाली की कमजोरियों को उजागर करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय रेल को आधुनिक सिग्नलिंग और ट्रैक मॉनिटरिंग तकनीक अपनाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
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