Bihar Assembly Elections 2025: बिहार की सियासत में इन दिनों गर्मी बढ़ गई है और इसकी सबसे बड़ी वजह हैं आरजेडी नेता और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव। जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नज़दीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक बयानबाज़ी तेज होती जा रही है। खास बात यह है कि तेजस्वी यादव एनडीए नेताओं के हर हमले का अकेले दम पर जवाब दे रहे हैं। बिहार की राजनीति में अब साफ तौर पर “तू डाल-डाल, मैं पात-पात” वाली स्थिति बन चुकी है।
हर मोर्चे पर तेजस्वी का जवाब
एनडीए की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहां विकास, सुशासन और केंद्र की योजनाओं को प्रमुख मुद्दा बनाकर जनता को साधने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं तेजस्वी यादव बेरोजगारी, पलायन, शिक्षा और सामाजिक न्याय जैसे मसलों पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने एनडीए को सीधे चुनौती देते हुए कहा कि “हमारे 17 महीने के कार्यकाल में 5 लाख सरकारी नौकरियां दी गईं और आरक्षण की सीमा 65% तक बढ़ाई गई, जो एनडीए की लंबी सरकार में भी नहीं हो सका।”
युवाओं को साधने की कोशिश
तेजस्वी यादव ने युवाओं को अपनी ओर खींचने के लिए कई बड़े वादे किए हैं। उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार बनी तो:
- युवा आयोग का गठन किया जाएगा,
- 100% डोमिसाइल नीति लागू की जाएगी,
- परीक्षा शुल्क माफ किया जाएगा,
- और 275 दिन पढ़ाई की गारंटी दी जाएगी।
यह वादे साफ तौर पर संकेत देते हैं कि आरजेडी युवाओं को अपना प्रमुख वोट बैंक बनाना चाहती है।
नीतीश कुमार पर तीखा हमला
तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी तीखा प्रहार करते हुए कहा कि “नीतीश जी बार-बार दिल्ली जाकर केंद्र के इशारे पर काम कर रहे हैं। उन्होंने बिहार की शिक्षा व्यवस्था को रसातल में पहुंचा दिया है।” तेजस्वी ने यह भी आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने बिहार को एक “पलायन और बेरोजगारी की राजधानी” बना दिया है।
वक्फ बिल पर भी उठाए सवाल
तेजस्वी ने भाजपा पर अल्पसंख्यक समुदाय को लेकर भी हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ बिल के जरिये भाजपा मस्जिदों और कब्रिस्तानों पर ‘कब्जा’ करने की साजिश रच रही है। उन्होंने इस मुद्दे को अल्पसंख्यकों के बीच प्रमुख रूप से उठाकर धार्मिक ध्रुवीकरण की भाजपा की राजनीति का विरोध किया।
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