Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को होने जा रही है। पहले चरण में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था 65.08% मतदान हुआ था। खास बात ये रही कि महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा वोट डाले। महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत 69.04% रहा जबकि पुरुषों का 61.56%। मीनापुर सीट पर तो रिकॉर्ड 77.54% मतदान हुआ था। ऐसे में उम्मीद है कि दूसरे चरण में भी वोटिंग का माहौल जोश से भरा रहेगा।
किन जिलों में होगी वोटिंग
दूसरे चरण में 20 जिलों के मतदाता अपने प्रतिनिधि चुनेंगे। इनमें पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर और बांका जैसे बड़े जिले शामिल हैं। इसके अलावा जमुई, नवादा, गया, औरंगाबाद, जहानाबाद, अरवल, कैमूर और रोहतास में भी वोट डाले जाएंगे।
इस चरण में कुल 122 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी। इनमें से
• 101 सीटें सामान्य श्रेणी की हैं,
• 19 सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए,
• और 2 सीटें अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित हैं।
कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 3 करोड़ 70 लाख है। इनमें
• 1.95 करोड़ पुरुष मतदाता,
• 1.74 करोड़ महिला मतदाता शामिल हैं।
इस बार 5.28 लाख से ज्यादा नए मतदाता पहली बार वोट डालेंगे। कुल 45,399 मतदान केंद्र (बूथ) बनाए गए हैं। इस चरण में 1,302 उम्मीदवार मैदान में हैं — इनमें 1,165 पुरुष और 136 महिला प्रत्याशी हैं।
दूसरे चरण में कई नेता उम्मीदवार
दूसरे चरण में कई बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा भी जुड़ी हुई है।
• सुपौल से मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव,
• चकाई से सुमित कुमार सिंह,
• झंझारपुर से नीतीश मिश्रा,
• अमरपुर से जयंत राज,
• छातापुर से नीरज कुमार सिंह ‘बबलू’,
• बेतिया से रेणु देवी,
• धमदाहा से लेशी सिंह,
• हरसिद्धि से कृष्णनंदन पासवान,
• और चैनपुर से जमा खान मैदान में हैं।
मुकाबले में कौन-कौन
एनडीए गठबंधन की ओर से
• भाजपा के 53 प्रत्याशी,
• जेडीयू के 44,
• लोजपा (रामविलास) के 15,
• रालोमो के 4,
• और हम (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) के 6 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।
वहीं, महागठबंधन की ओर से
• राजद ने 72 सीटों,
• कांग्रेस ने 37 सीटों,
• और वीआईपी पार्टी ने 10 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं।
अन्य सहयोगी दल 5 सीटों पर मुकाबले में हैं।
प्रचार के दौरान सभी बड़े नेता मैदान में उतरे। तेजस्वी यादव, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रियंका गांधी वाड्रा, मुकेश सहनी और दीपंकर भट्टाचार्य ने अलग-अलग जगहों पर रैलियां कीं और जनता से वोट की अपील की। अब सबकी निगाहें 11 नवंबर पर टिकी हैं — देखना होगा कि इस बार मतदाता पहले चरण का रिकॉर्ड तोड़ पाते हैं या नहीं।
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