Health: डिजिटल क्रांति के युग में सूचनाओं की बाढ़ सी आ गई है। करोड़ो जानकारी हमारी उंगलियों पर मौजूद है। एक क्लिक और सभी जानकारी स्क्रीन पर। इंटरनेट ने हमारा काम जितना आसान किया है उतनी ही मुश्किलें भी लेकर आया है। ऐसी ही एक मुश्किल है “IDIOT Syndrome”। यह गंभीर समस्या बनता जा रहा है। इसे लेकर जागरुकता फैलाने की आवश्यकता है।
IDIOT Syndrome बेवकूफ होना नहीं है
IDIOT Syndrome का नाम सुनते ही हमारे जेहन में पहला सवाल आता है कि यह है क्या? इसका मतलब बेवकूफ होना नहीं है। बल्कि, इसका अर्थ है ‘इंटरनेट डिराइव्ड इंफॉर्मेशन ऑब्सट्रक्शन ट्रीटमेंट’ (Internet Derived Information Obstruction Treatment ) । विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) इसे “इन्फोडेमिक (Infodemic)” घोषित किया है। इसने स्वास्थ्य के क्षेत्र में जटिल स्थिति पैदा कर दी है।
क्या कहती है रिपोर्ट
PubMed की रिपोर्ट के अनुसार, IDIOT Syndrome, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध बहुत अधिक जानकारी का परिणाम है जिसने लोगों में अविश्वास पैदा कर दिया है।
छोटी-छोटी बातों पर गूगल करना है हानिकारक
IDIOT Syndrome या Cyberchondria से पीड़ित व्यक्ति बीमारियों को लेकर डर जाता है। वह डॉक्टर से ज्यादा इंटरनेट पर मौजूद जानकारी पर भरोसा करने लगता है। छोटी-छोटी बातों के लिए गूगल करने लगता है। इंसानों से ज्यादा भरोसा गूगल द्वारा सुझाए हल पर होता है। धीरे-धीरे यही बीमारी का रूप ले लेती है।
जानलेवा है IDIOT Syndrome
समय के साथ यह इतनी खतरनाक हो जाती है कि मन मुताबिक जबाव नहीं मिलने पर व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो जाता है। वह अपनी जान भी ले सकता है।
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क्या हैं इसके लक्षण
- साइबरकॉन्ड्रिया से पीड़ित लोग अपने लक्षणों के बारे में लगातार विभिन्न वेबसाइटों की जांच करने के आदि होते हैं। वे समाधान के लिए घंटों ऑनलाइन रिसर्च करते हैं।
- साइबरकॉन्ड्रिया से पीड़ित लोग यह मान लेते हैं कि उन्हें कोई गंभीर या लाइलाज बीमारी है। भले ही उन्हें मामूली बुखार हो।
- साइबरकॉन्ड्रिया से पीड़ित व्यक्तियों को अपने स्वास्थ्य की चिंता लगातार सताती रहती है।
- IDIOT Syndrome से पीड़ित लोग डॉक्टर से सलाह लेने के बजाय पूरी तरह से ऑनलाइन जानकारी पर भरोसा करते हैं।
- वे अंजाने में अपने लक्षणों को बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं। जिससे वे उन्हें अधिक गंभीर लगने लगता है। इससे अनावश्यक तनाव और चिंता हो सकती है।
IDIOT Syndrome से कैसे बचें
- इससे बचने के लिए अपनी जरुरत के हिसाब से ही इंटरनेट का प्रयोग करें।
- बीमारी होने की आशंका होने पर डॉक्टर से सलाह लें।
- हेल्थ से जुड़ी जानकारी पढ़ने पर डॉक्टर से बात करें।
- हेल्थ से जुड़ी किसी भी जानकारी को क्रॉस चेक करें।