Amroha News: उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले से इंसानियत को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक युवक को सिर्फ बिरयानी में लेग पीस मांगना इतना महंगा पड़ गया कि उसकी जान पर बन आई। मामला अमरोहा नगर कोतवाली क्षेत्र के कैलसा बाईपास इलाके का है, जहां एक युवक बिरयानी खाने गया था। उसने प्लेट में लेग पीस की मांग की, बस इतनी-सी बात पर बिरयानी विक्रेता आगबबूला हो गया। गुस्से में उसने अपने साथियों के साथ युवक पर लाठी-डंडों से बेरहमी से हमला कर दिया।
देखते ही देखते सड़क पर खौफनाक मंजर बन गया। युवक लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़ा, लेकिन हमलावर नहीं रुके। आसपास के लोगों ने किसी तरह बीच-बचाव कर युवक को बचाया और पुलिस को सूचना दी।
राहगीरों ने घायल को पहुंचाया अस्पताल
सूचना पर पहुंची डायल 112 पुलिस टीम ने तुरंत घायल युवक को अस्पताल पहुंचाया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, युवक की हालत गंभीर थी, शरीर पर कई जगह चोटों के निशान थे। लोगों ने पुलिस से कड़ी कार्रवाई की मांग की, लेकिन इसके बाद जो हुआ, उसने सबको और ज्यादा स्तब्ध कर दिया।
अस्पताल की अमानवीयता
जब युवक को अस्पताल लाया गया तो वहां के कर्मचारियों ने इलाज से इनकार कर दिया। परिजनों के मुताबिक, डॉक्टरों ने कहा – “पहले कोतवाली जाकर रिपोर्ट लिखवाओ, फिर इलाज होगा।”
यह सुनकर परिजन हताश हो गए और घायल को वहीं छोड़कर थाने पहुंचे। रिपोर्ट दर्ज करवाने के बाद ही घायल को इलाज मिला। इस बीच युवक दर्द से तड़पता रहा और लोग अस्पताल की लापरवाही पर गुस्से से उबल पड़े।
24 घंटे बाद भी दर्ज नहीं हुआ मुकदमा
घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी किसी भी आरोपी पर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस दबंगों के खिलाफ कार्रवाई से बच रही है।
लोगों ने कहा कि अगर इतनी बड़ी वारदात के बाद भी न्याय नहीं मिला, तो कानून का डर खत्म हो जाएगा। “क्या अब अमरोहा में सिर्फ लेग पीस मांगना भी किसी की जान पर भारी पड़ सकता है?” – लोगों का सवाल
कानून व्यवस्था पर उठे सवाल
अमरोहा की यह घटना स्थानीय प्रशासन पर सवाल खड़े करती है। लोगों का कहना है कि पुलिस की निष्क्रियता के कारण ऐसे दबंगों के हौसले बुलंद हैं।
कई नागरिकों ने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा कर कहा कि शहर में अब कानून व्यवस्था का अभाव साफ दिखाई दे रहा है।
समाज के लिए सबक
यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि गुस्से और असहिष्णुता से सिर्फ हिंसा जन्म लेती है। एक साधारण बात को लेकर किसी की जान पर बन आना दिखाता है कि संवेदनशीलता खत्म होती जा रही है।
जरूरत है कि हम दूसरों की भावनाओं का सम्मान करें और विवादों को शांति से सुलझाने की संस्कृति अपनाएं। “एक सभ्य समाज वही होता है, जहां शब्द तलवार से ज़्यादा ताकतवर होते हैं।”
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग दोनों कटघरे में
अमरोहा की यह घटना सिर्फ एक झगड़ा नहीं बल्कि सिस्टम की विफलता का आईना है। जब अस्पताल घायल को इलाज देने से पहले पुलिस रिपोर्ट मांगता है, तब सवाल उठता है – क्या हमारी प्राथमिकता इंसान की जान नहीं रही?
अब देखना यह है कि अमरोहा पुलिस कितनी जल्दी कार्रवाई करती है और क्या दोषियों को सजा मिलती है या नहीं। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार न्याय और मानवता दोनों की जीत हो।
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