Akhilesh Yadav: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर शब्दों की सियासत तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर के जन्मदिन पर ₹100 भेजने का बयान दिया था। इस पर उनके बेटे और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने तीखा पलटवार किया।
अरुण राजभर बोले – ईमानदारी ही असली पूंजी
अरुण राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव को यदि कभी बुरे वक्त में जरूरत पड़ी तो ओमप्रकाश राजभर अपने खेत से निकलने वाले अनाज और सब्जी देने से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे पास पैसा भले न हो, लेकिन ईमानदारी और जनता की सेवा का संकल्प है।
सपा पर लगाए आरोप, सत्ता में रहकर की लूट-खसोट
अरुण राजभर ने समाजवादी पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि उन्हें सिर्फ पैसा दिखाई देता है। सपा की सरकार में पैसों की लूट-खसोट होती रही है। उन्होंने कहा कि साढ़े आठ साल से सत्ता से बाहर होने के बाद अब अखिलेश यादव ₹100 की बात कर रहे हैं। अगर सत्ता में बने रहते तो करोड़ों-अरबों की चर्चा करते, न कि छोटे नोटों की।
“जनता का पैसा महलों में खर्च किया”
राजभर ने आरोप लगाया कि सपा शासन में जनता के पैसे से नेताओं ने महलों में ऐश किया। अब जनता हिसाब लेगी और उन्हें पाई-पाई का हिसाब देना होगा। अरुण राजभर ने कहा कि राजनीति का आधार सेवा होनी चाहिए, न कि धन-संपत्ति।
महाराजा सुहेलदेव पर बयान को बताया अपमान
इस दौरान अरुण राजभर ने AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि महाराजा सुहेलदेव राजभर को लुटेरा बताना न केवल अज्ञानता है बल्कि उन वीरों का अपमान भी है, जिन्होंने विदेशी आक्रांताओं से देश की अस्मिता की रक्षा की।
उन्होंने कहा कि महाराजा सुहेलदेव का अपमान करना भारत की मिट्टी और शौर्य का अपमान है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सियासी बयानबाजी से गरमाई राजनीति
अखिलेश यादव के 100 रुपए वाले बयान पर अरुण राजभर की प्रतिक्रिया ने यूपी की राजनीति को और गरमा दिया है। एक तरफ सपा पर लूट-खसोट और सत्ता का दुरुपयोग करने के आरोप लगे हैं, वहीं दूसरी तरफ महाराजा सुहेलदेव पर दिए बयान ने विवाद को और गहरा कर दिया है। यह स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में सुभासपा और सपा के बीच टकराव और बढ़ सकता है।
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