AAP: शनिवार को जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया जब डोडा विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के इकलौते विधायक मेहराज मलिक ने उमर अब्दुल्ला सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान कर दिया। इस फैसले ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है।
समर्थन वापसी की बड़ी वजह
मेहराज मलिक ने साफ तौर पर बताया कि उन्होंने उमर अब्दुल्ला सरकार से समर्थन इसलिए वापस लिया क्योंकि सरकार जनता से किए गए वादों को निभाने में पूरी तरह नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि आज से नौ महीने पहले जब यह सरकार बनी थी, तब प्रदेश की जनता से बड़े-बड़े वादे किए गए थे, लेकिन उनमें से एक भी वादा जमीन पर उतरता नहीं दिखा। मलिक के अनुसार, “ऐसा नहीं है कि उमर अब्दुल्ला कुछ कर नहीं सकते, बल्कि वो कुछ करना ही नहीं चाहते।”
अरविंद केजरीवाल की याद दिलाई
मेहराज मलिक ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर पोस्ट करते हुए कहा कि उन्होंने यह फैसला पहले ही ले लिया था, लेकिन औपचारिक घोषणा शनिवार को की। उन्होंने इस पोस्ट में अपने नेता अरविंद केजरीवाल की पहली सरकार की याद दिलाते हुए कहा, “मेरे नेता ने जब दिल्ली में (AAP) सरकार अपनी शर्तों के मुताबिक नहीं चला पाए तो 49 दिन में इस्तीफा दे दिया था। लेकिन उमर अब्दुल्ला सरकार पिछले 9 महीनों से सत्ता में है और जनता के लिए कुछ नहीं कर रही। सेवा के लिए बहाने नहीं, चाह की जरूरत होती है।”
गठबंधन सरकार को झटका
मेहराज मलिक के समर्थन वापसी के बाद उमर अब्दुल्ला की गठबंधन सरकार को एक झटका लगा है। हालांकि सरकार के पास अभी भी बहुमत है, लेकिन विपक्ष को अब एक बड़ा मुद्दा मिल गया है कि खुद सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा रहे विधायक ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाए हैं।
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