राजस्थान की सियासत में इन दिनों भूचाल आया हुआ है। गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही आपसी खटपट की आग बुझने के नाम नहीं ले रही है। पायलट ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ 11 अप्रैल को जैसे ही अनशन पर बैठने की घोषणा की वैसे ही कांग्रेस में हलचल और तेज हो गई जिसके बाद तुरंत आलाकमान की नींद खुली और तुरंत उन्होनें कांग्रेस के प्रभारी को इस मामले में एक्टिव किया। अब रंधावा जयपुर में है। क्या सचिन के मंच पर जाएंगे ? क्या फोन से ही बात करेंगे ? या कोई और रणनीति होगी। सबकी नजर टिकीं हुई है
अब सारी नजरें कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर रंधावा पर टिकी हुईं हैं कि वो गहलोत और पायलट की आपसी खटपट को लेकर कोई हल निकाल पाएं? दरअसल सचिन पायलट ने अपनी ही पार्टी पर आरोप लगाया है कि ‘कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि सत्ता में आएगी तो हम भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करेंगे, मगर मिली जुली के खेल में सारे मामले दबा दिए गए हैं। मैंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दो चिट्ठियां लिखी है और कहा है कि हमने और आपने जो आरोप लगाए थे उनकी जांच करवाईए मगर कुछ नहीं हुआ।
अविनाश पांडे, अजय माकन को भी इस मामले को सुलझाने की जिम्मेदारी सौंफी गई थी लेकिन उनके रहते भी ये बवाल शांत नहीं रहा। ऐसे में ये देखना होगा कि राजस्थान में पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा कुछ कमाल कर पाएंगे और इसका कोई ठोस हल निकाल पाएंगे। सबकी नजरें रंधावा पर हैं कि वो इस मसले को सुलझाने में सफल हो पाएंगे?