कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता पवन खेड़ा को सर्वोच्य न्यायालय ने बड़ी राहत दी है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने उनकी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाते हुए सारी FIR एकसाथ करने का आदेश दिया है। उन्होंने दिल्ली की निचली अदालत को पवन खेड़ा को अंतरिम जमानत देने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को तय की है। जिसके बाद सोमवार को इस मामले पर दोबारा सुनवाई होगी। मुख्य नयायधीश ने कहा कि हमने आपको पर्याप्त राहत दे दी है, लेकिन आप भी यह ख्याल रखे कि चर्चा का एक स्तर होना चाहिए।
इसके बाद दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को द्वारका कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जमानत दे दी गयी। पवन खेड़ा के मामले में सुनवाई खत्म होने के बाद उनके वकील अभिषेक मनुसिंघवी ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि ‘असम पुलिस ने तय नियमों के मुताबिक इसमें गिरफ्तारी नहीं की थी।
बता दें कि आज जब कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा दिल्ली से रायपुर कांग्रेस अधिवेशन में शामिल होने जा रहे थे। तभी उन्हें विमान से उतारकर गिरफ्तार कर लिया गया था। जिसके बाद दोपहर 3 बजे सर्वोच्य न्यायालय में सुनवाई हुई। इसके बाद सर्वोच्य न्यायालय ने दिल्ली की निचली अदालत को अंतरिम जमानत देने का निर्देश दिया।
खेड़ा ने प्रधानमंत्री पर की थी विवादित टिप्पणी
गौरतलब है कि कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने अडानी मामले को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ टिप्पणी की थी। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था अगर अटल बिहारी वाजपेयी जेपीसी बना सकते हैं तो नरेंद्र ‘गौतम दास’ मोदी को क्या दिक्कत है ? हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस के बीच में ही बयान देने के बाद कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने अपने आसपास मौजूद लोगों से यह पूछा था कि क्या उन्होंने प्रधानमंत्री का मिडिल नेम सही पुकारा है ? इसे लेकर भाजपा ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।

