सुप्रीम कोर्ट से शिंदे गुट को बहुत बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्य न्यायलय ने चुनाव आयोग के फैसले पर रोक नहीं लगाई है। हालाँकि सर्वोच्च न्यायालय ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब देने को कहा है। दरअसल, शिवसेना के उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की थी जिसपर आज सुनवाई हुई। बता दें कि चुनाव आयोग ने शिवसेना के शिंदे गुट को असली शिवसेना मानते हुए पार्टी का नाम और चिन्ह सौप दिया था।
भारत के मुख्य नयायधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि शिंदे गुट ने चुनाव आयोग के सामने खुद को साबित किया है। इस स्थिति में अभी हम चुनाव आयोग के आदेश पर रोक नहीं लगा सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि उद्धव गुट अभी मिले अस्थायी नाम और चुनाव निशान का इस्तेमाल जारी रख सकता है।
बता दें कि बेंच ने यह आदेश 26 फरवरी को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा उपचुनाव को देखते हुए दिया है। इस दौरान कोर्ट ने शिंदे गुट से कहा कि आप भी अभी ऐसा कोई व्हिप नहीं जारी करेंगे जिसे न मानने से उद्धव समर्थक सांसद और विधायक अयोग्य हो जाएं। इस पर शिंदे गुट के वकील नीरज किशन कौल ने सहमति जताई।
सर्वोच्च न्यायालय में उद्धव गुट की पैरवी वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने किया। उन्होंने बेंच से कहा कि पार्टी के कार्यालयों और बैंक खातों को शिंदे समूह द्वारा लिया जा रहा है। ऐसे में कोर्ट यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दे। हालांकि बेंच ने इसे मानने से इनकार कर दिया।
शिंदे गुट ने भी उद्धव की याचिका से पहले सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की थी। जिसमें कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट कोई भी फैसला देने से पहले उसका पक्ष जरूर सुने।

