Kanpur Money Laundering: कानपुर पुलिस की गिरफ्त में आया रविंद्र नाथ सोनी खुद को गरीब, मजबूर और कचौड़ी बेचकर परिवार चलाने वाला बताता रहा, लेकिन एसआईटी की जांच ने उसके असली चेहरे से पर्दा उठा दिया। देहरादून, दिल्ली, एनसीआर और दुबई में फैली उसकी शानदार संपत्तियों ने साबित कर दिया कि उसका “गरीबी का नाटक” सिर्फ लोगों को भ्रमित करने का तरीका था। अब तक 22 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा हो चुका है, जबकि ठगी का असली आकार इससे कई गुना बड़ा बताया जा रहा है।
लग्ज़री फ्लैट बना खुलासों की शुरुआत
कानपुर में गिरफ्तारी के बाद एसआईटी ने सोनी को रिमांड पर लेकर सबसे पहले देहरादून के उसके आलीशान फ्लैट की तलाशी ली। यहां उसकी पत्नी और बेटी रहती थीं। हालांकि जरूरी दस्तावेज पहले ही गायब कर दिए गए थे, लेकिन घर की बनावट और सामान ने उसकी आलीशान जिंदगी की पोल खोल दी।
इसके बाद जांच में सामने आया कि दिल्ली के करोल बाग में उसकी दुकानें, एनसीआर में कई महंगे फ्लैट, दुबई में करोड़ों की कीमत के दो लग्ज़री अपार्टमेंट और विदेशी बैंक अकाउंट में भारी रकम मौजूद है।
कचौड़ी का ठेला उसकी गरीबी की कहानी नहीं, बल्कि बड़े पैमाने पर चल रही ठगी को छिपाने का ढाल था।
अमेरिका, दुबई और दिल्ली तक फैला जाल
एसआईटी ने जब उसकी डिजिटल प्रोफाइल खंगाली तो उसके नेटवर्क की पहुंच चार महाद्वीपों तक दिखी।
तीन नाम खास तौर पर सामने आए—
- गुरमीत कौर (अमेरिका) – जिसकी तस्वीरें और बातचीत से संकेत मिले कि वह विदेशों में पैसा भेजने की महत्वपूर्ण कड़ी थी।
- सूरज जुमानी (दुबई) – सोने की ईंटें हाथ में लिए वायरल फोटो वाला जुमानी खुद को पीड़ित बताता रहा, पर जांच में सामने आया कि वह ब्लू-चिप ठगी का डिप्टी डायरेक्टर था।
- शाश्वत सिंह (दिल्ली) – जिसकी तस्वीरों में वह नोटों की मोटी गड्डियां लहराते नजर आ रहा है।
एसआईटी के अनुसार ये तीनों सोनी के ठगी नेटवर्क की रीढ़ का हिस्सा थे और विदेशों में जमा धन को मूव कराते थे।
22 करोड़ की संपत्ति की पुष्टि, वास्तविक इससे कहीं अधिक
कानपुर पुलिस कमिश्नर रघुवीर लाल ने बताया कि अब तक सोनी की 22 करोड़ रुपये की संपत्ति की पुष्टि हो चुकी है।
लेकिन जांच अधिकारियों का मानना है कि यह सिर्फ शुरुआत है। दिल्ली के मालवीय नगर घर, करोल बाग की दुकानों, एनसीआर की प्रॉपर्टियों और दुबई स्थित फ्लैटों को खंगालने की प्रक्रिया जारी है और सभी संपत्तियों के सीलिंग की कार्रवाई तेज कर दी गई है।
सूरज जुमानी का पहले से तय “सरेंडर ड्रामा”
सोनी की गिरफ्तारी के अगले ही दिन सूरज जुमानी पुलिस कमिश्नर से मिलने पहुंच गया और खुद को ठगा हुआ बताता रहा।
लेकिन बैंक लेन-देन और कंपनी रिकॉर्ड में साफ हुआ कि वह भी इस फ्रॉड का बड़ा हिस्सा था और उसके खातों में करोड़ों का लेनदेन दर्ज है।
हाई-प्रोफाइल लाइफस्टाइल ने खोली पोल
देहरादून में जांच टीम का नेतृत्व कर रहे एसीपी आशुतोष सिंह ने बताया कि सोनी वहां की कई हाई-प्रोफाइल पार्टियों में शामिल होता था।
पुलिस के पास मौजूद वीडियो, फोटो और गेस्ट लिस्ट उसके आलीशान जीवन और बड़े नेटवर्क की पुष्टि करते हैं।
700 से अधिक पीड़ित आए सामने, 6 FIR दर्ज
कानपुर पुलिस अब तक सोनी के खिलाफ 6 एफआईआर दर्ज कर चुकी है। गुरमीत कौर, सूरज जुमानी और शाश्वत सिंह को भी आरोपी बनाया गया है। 700 से ज्यादा लोग पुलिस से संपर्क कर चुके हैं।
इन लोगों के मुताबिक ब्लू-चिप योजनाओं के नाम पर उनसे करोड़ों की ठगी गई।
जांच से पता चला कि इनकी ठगी का जाल केरल, मुंबई, दिल्ली, कनाडा, अमेरिका, जापान, दुबई और कई अन्य देशों तक फैला है।
अधिकारियों को आशंका है कि कुल ठगी हजारों करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है।
कौन है रविंद्र नाथ सोनी?
सोनी सालों से ब्लू-चिप निवेश योजनाओं के नाम पर लोगों को बड़ा रिटर्न देने का झांसा देता रहा। उसकी सबसे बड़ी चाल थी—साधारण कपड़े, शांत स्वभाव और खुद को गरीब बताना।
लोग उसके सादे स्वभाव के झांसे में आकर बड़ी रकम निवेश कर बैठते थे।
लेकिन देहरादून और दिल्ली की उसकी लग्ज़री लाइफस्टाइल ने उसके झूठ की कलई खोल दी।
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