Constitution Day 2025: संविधान दिवस 2025 के मौके पर बुधवार को संसद के संविधान सदन में एक खास समारोह आयोजित किया गया। सेंट्रल हॉल में हुए इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने की। उनके साथ उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और कई केंद्रीय मंत्री कार्यक्रम में मौजूद रहे। विपक्ष की तरफ से नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी शामिल हुए। पूरा माहौल संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति देश की प्रतिबद्धता को दोहराने का प्रतीक नजर आया।
कार्यक्रम की शुरुआत लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के संबोधन से हुई। इसके बाद उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने भी अपने विचार रखे। अंत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशवासियों को संबोधित किया और कहा कि भारत के संविधान का मूल सामाजिक न्याय है। राष्ट्रपति के मार्गदर्शन में सेंट्रल हॉल में मौजूद सभी लोगों ने मिलकर संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया।
समारोह के दौरान कई डिजिटल पहलें भी शुरू की गईं। इनमें प्रमुख रूप से शामिल थे:
• विधायी विभाग द्वारा नौ भाषाओं—मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया और असमिया—में संविधान के संस्करणों का लोकार्पण
• संस्कृति मंत्रालय द्वारा तैयार स्मारक पुस्तिका ‘भारत के संविधान से कला और कैलीग्राफी’ (हिंदी संस्करण) का विमोचन
देशभर में होने वाले आयोजन
संविधान दिवस को राष्ट्रीय उत्सव का रूप देने के लिए केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों द्वारा पूरे देश में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। आम नागरिक भी अलग-अलग तरीकों से इसमें भाग ले रहे हैं:
• MyGov.in और Constitution75.com पर ऑनलाइन प्रस्तावना पठन
• प्रमाणपत्र प्राप्त करने और सोशल मीडिया पर साझा करने की सुविधा
• ‘हमारा संविधान – हमारा स्वाभिमान’ विषय पर ऑनलाइन क्विज, ब्लॉग और निबंध प्रतियोगिताएं
• सम्मेलन, सेमिनार, वाद-विवाद, लघु फिल्में, सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रदर्शनी, पोस्टर/पेंटिंग और रंगोली प्रतियोगिताएं
• पंचायत से लेकर संसद तक संविधान से जुड़े अनेक कार्यक्रम
इस तरह, संविधान दिवस 2025 पूरे देश और दुनिया में बसे भारतीयों द्वारा सांविधानिक मूल्यों के उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रस्तावना वाचन का नेतृत्व किया और साथ ही कला व कैलीग्राफी से सजी विशेष स्मारक पुस्तिका भी जारी की गई, जिससे यह अवसर और भी यादगार बन गया।
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