Dharmendra Death: बॉलीवुड के महान अभिनेता, जिन्हें उनके प्रशंसक प्यार से ‘ही-मैन’ और ‘धरम पाजी’ कहकर पुकारते थे, धर्मेंद्र का आज 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन से भारतीय सिनेमा के एक गौरवशाली अध्याय का समापन हो गया है। छह दशकों से अधिक के अपने शानदार करियर में, धर्मेंद्र ने अपनी बहुमुखी प्रतिभा और दमदार अभिनय से लाखों दिलों पर राज किया। ‘शोले’, ‘फूल और पत्थर’, ‘बंदिनी’ और ‘चुपके चुपके’ जैसी 300 से अधिक फिल्मों में उनकी उपस्थिति ने उन्हें इंडस्ट्री के सबसे चहेते सितारों में से एक बना दिया। उनके निधन की खबर से पूरी फिल्म बिरादरी और देश भर के उनके करोड़ों प्रशंसकों में गहरा शोक छा गया है।
निधन से पहले आज सुबह
आज सुबह (24 नवंबर, 2025) धर्मेंद्र के निधन से ठीक पहले उनके घर पर माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया था। बताया जा रहा है कि लंबे समय से बीमार चल रहे अभिनेता की तबीयत अचानक एक बार फिर बिगड़ गई थी और उन्हें सांस लेने में गंभीर तकलीफ हो रही थी। उनकी बिगड़ती हालत को देखते हुए तुरंत उनके आवास के बाहर एक एंबुलेंस को तैनात किया गया था। एहतियात के तौर पर, उनके बंगले के बाहर बैरिकेडिंग भी की गई थी। उनकी गंभीर स्थिति की जानकारी मिलते ही उनकी तीनों बेटियां भी फौरन उनसे मिलने उनके घर पहुंचीं। परिवार के सदस्यों और डॉक्टरों के तमाम प्रयासों के बावजूद, उन्हें बचाया नहीं जा सका और अस्पताल ले जाते समय ही उन्होंने अंतिम सांस ली।
लंबे समय से बीमार थे दिग्गज अभिनेता
धर्मेंद्र पिछले काफी समय से स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं से जूझ रहे थे। उन्हें सांस लेने में दिक्कतें आ रही थीं, जिसके चलते उनकी सेहत लगातार नाजुक बनी हुई थी। उन्हें 31 अक्टूबर 2025 को रूटीन चेकअप के लिए मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। हालांकि, 10 नवंबर को उनकी तबीयत में अप्रत्याशित रूप से गिरावट आई थी। अस्पताल में कई एक्टर्स, जिनमें सलमान खान और शाहरुख खान भी शामिल थे, उनसे मिलने पहुंचे थे।
लंबे समय तक चले इलाज के बाद, परिवार की इच्छा खासकर उनकी पहली पत्नी प्रकाश कौर की सहमति पर उन्हें घर वापस लाया गया था, ताकि उनका इलाज घर पर ही डॉक्टरों की निगरानी में चलता रहे। उनका घर से ट्रीटमेंट चल रहा था, लेकिन आज सुबह उनकी स्थिति में आई गिरावट ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया।
एक बेमिसाल विरासत के धनी
धर्मेंद्र का फ़िल्मी सफ़र 1960 में ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ से शुरू हुआ और वे जल्द ही एक्शन, रोमांस और कॉमेडी के प्रतीक बन गए। उन्होंने ‘सीता और गीता’, ‘यादों की बारात’, ‘लोफर’ जैसी कई ब्लॉकबस्टर फ़िल्में दीं। भारतीय सिनेमा में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें 1997 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड और 2012 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। अपनी 89 वर्ष की उम्र में भी, वे सक्रिय थे और आखिरी बार ‘तेरी बातों में उलझा जिया’ में दिखाई दिए थे। उनकी अगली फिल्म ‘इक्कीस’, 25 दिसंबर को रिलीज़ होने वाली थी। उनके निधन से बॉलीवुड में जो खालीपन आया है, उसे भरना असंभव है।
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