Bihar News: बिहार का मशहूर “लैंड फॉर जॉब” (जमीन के बदले नौकरी) मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। इस केस में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे और मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी पर आरोप हैं। लेकिन इस बार भी कोर्ट ने अपना फैसला सुनाने से इंकार कर दिया है। अदालत ने अब अगली सुनवाई की तारीख 4 दिसंबर तय की है।
क्या है मामला?
ये पूरा मामला उस समय का है जब रेलवे में नौकरी देने के बदले कुछ लोगों को सरकारी जमीन देने की बात सामने आई थी। आरोप है कि सरकारी जमीनों का इस्तेमाल नियमों के खिलाफ किया गया और नौकरी देने के नाम पर कई गड़बड़ियां हुईं। ये मामला पहली बार 2013 में सामने आया था और तब से लेकर अब तक लगातार जांच और सुनवाई चल रही है।
जांच एजेंसियों के मुताबिक, कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं जिनसे शक होता है कि जमीनों के आवंटन में हेराफेरी की गई। कुछ अधिकारियों और गवाहों के बयानों से भी इस पर सवाल उठे हैं। हालांकि, अभी तक कोर्ट ने कोई अंतिम फैसला नहीं सुनाया है।
“ये राजनीतिक साजिश है” – राजद
राजद नेताओं और उनके समर्थकों ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है। उनका कहना है कि यह सब राजनीतिक बदले की भावना से किया जा रहा है। वहीं विपक्ष का कहना है कि जांच पूरी तरह निष्पक्ष होनी चाहिए, ताकि अगर कोई गड़बड़ी हुई है तो जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई हो सके।
कोर्ट ने कहा सबूतों की पूरी जांच हो
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अभी सभी साक्ष्यों और दस्तावेजों की गहराई से जांच बाकी है। इसलिए फिलहाल फैसला टाल दिया गया है और 4 दिसंबर की तारीख तय की गई है। उम्मीद है कि उस दिन अदालत दोनों पक्षों की दलीलें सुनकर अपना अंतिम फैसला सुना सकती है।
अब सबकी नजरें दिसंबर की सुनवाई पर टिकी हैं। यह फैसला न सिर्फ केस के भविष्य को तय करेगा बल्कि बिहार की राजनीति और लालू परिवार की छवि पर भी बड़ा असर डाल सकता है।
ये भी देखें: Pawan Singh News: ”15 साल पहले और आज का बिहार….”—खेसारी के बयान पर पवन सिंह का पलटवार!

