Noida AQI: दीवाली के बाद लगातार तीन दिनों तक “बहुत खराब” श्रेणी में रहने वाली हवा अब कुछ हद तक सुधरी है। गौतमबुद्ध नगर, ग्रेटर नोएडा और गाज़ियाबाद में प्रदूषण के स्तर में हल्की गिरावट देखी गई है, लेकिन हवा अब भी “खराब” श्रेणी में बनी हुई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह सुधार केवल अस्थायी है क्योंकि तापमान में गिरावट और कोहरे के बढ़ने से फिर से हवा की गुणवत्ता बिगड़ सकती है।
हवा में मामूली सुधार
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार बुधवार को नोएडा का AQI 236, ग्रेटर नोएडा का AQI 248, और गाज़ियाबाद का AQI 266 दर्ज किया गया — तीनों ही “खराब” श्रेणी में आते हैं।
पिछले दिनों की तुलना में यह स्तर कुछ बेहतर है। मंगलवार को नोएडा का AQI 290, ग्रेटर नोएडा का 296 और गाज़ियाबाद का 238 था।
सोमवार को नोएडा की हवा “बहुत खराब” स्थिति में पहुंच गई थी जब AQI 327 दर्ज हुआ था, जबकि ग्रेटर नोएडा 284 और गाज़ियाबाद 286 पर था।
इन आंकड़ों से साफ है कि दीवाली के बाद हवा की गुणवत्ता में क्रमिक सुधार तो हुआ है, लेकिन स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है।
तेज़ हवाओं ने दी थोड़ी राहत
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तर-पश्चिमी दिशा से चल रही तेज़ हवाओं ने प्रदूषकों को कुछ हद तक फैलाने में मदद की, जिससे AQI में गिरावट आई।
स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम और जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत ने बताया —
“हवा की गति में हल्का इज़ाफा हुआ है जिससे प्रदूषण थोड़ा घटा है। इसके अलावा कोई अन्य मौसम कारक इस सुधार का कारण नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा कि आने वाले दिनों में हवा की गति में मामूली वृद्धि संभव है, लेकिन इससे AQI में बड़ा सुधार नहीं होगा।
यानी आने वाले हफ्ते में भी हवा “खराब” श्रेणी में ही बनी रह सकती है।
कोहरा और नमी फिर से बिगाड़ सकते हैं हालात
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों में रात का तापमान 17–18 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है और नमी का स्तर 80% तक पहुंच सकता है।
इन परिस्थितियों में कोहरा और धुंध बनने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे प्रदूषक ज़मीन के करीब फंस जाते हैं।
यह स्थिति “मिश्रण ऊंचाई” को कम करती है और प्रदूषकों को फैलने से रोकती है।
इससे हवा की गुणवत्ता एक बार फिर “बहुत खराब” श्रेणी में जा सकती है।
विशेषज्ञों ने चेताया कि नवंबर के पहले सप्ताह तक लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
गाज़ियाबाद में उतार-चढ़ाव, नोएडा में स्थिर सुधार
जहां नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हवा की गुणवत्ता लगातार सुधार की दिशा में दिख रही है, वहीं गाज़ियाबाद की स्थिति अभी भी अस्थिर है।
सीपीसीबी के अनुसार, गाज़ियाबाद में प्रदूषण स्तर बीच सप्ताह में फिर बढ़ गया — इसका कारण स्थानीय निर्माण कार्य, वाहनों की भारी आवाजाही और औद्योगिक उत्सर्जन बताया जा रहा है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, नोएडा में बेहतर नगर नियोजन और अपेक्षाकृत कम औद्योगिक क्षेत्र होने से सुधार तेज़ी से देखा जा रहा है।
मौसम का हाल, तापमान सामान्य, पर हवा नहीं
आईएमडी (IMD) के अनुसार बुधवार को गौतमबुद्ध नगर और गाज़ियाबाद में अधिकतम तापमान 30–31°C और न्यूनतम तापमान 18°C दर्ज किया गया।
आने वाले दिनों में तापमान लगभग समान रहेगा, लेकिन सुबह के समय धुंध और नमी बढ़ने की संभावना है।
विशेषज्ञों का कहना है कि तापमान में गिरावट के साथ हवा की गति कम होने से प्रदूषक फंस सकते हैं, जिससे नवंबर के पहले सप्ताह में AQI फिर से बढ़ सकता है।
प्रदूषण पर काबू के लिए प्रशासन की कोशिशें
स्थानीय प्रशासन ने प्रदूषण कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं —
- सड़क किनारे पानी का छिड़काव (Water Sprinkling)
- निर्माण स्थलों की निगरानी और धूल नियंत्रण उपाय
- वाहनों की जांच और पुराने डीज़ल वाहनों पर रोक
- स्कूलों को परामर्श जारी कि वे बच्चों को खुले में गतिविधियों से बचाएं
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि केवल प्रशासनिक उपायों से बात नहीं बनेगी, जब तक कि लोग खुद भी जागरूक होकर प्रदूषण कम करने में सहयोग नहीं करते।
राहत अभी अस्थायी, जागरूकता ही स्थायी समाधान
गौतमबुद्ध नगर और गाज़ियाबाद की हवा में भले ही फिलहाल थोड़ा सुधार दिख रहा हो, लेकिन यह राहत बहुत लंबी नहीं है।
दीवाली के बाद हर साल दोहराई जाने वाली यह कहानी तभी बदलेगी, जब नागरिक अपने स्तर पर योगदान देंगे — जैसे वाहन कम चलाना, खुले में कचरा न जलाना, और पेड़ लगाना।
विशेषज्ञों के शब्दों में, “हवा की गुणवत्ता सिर्फ सरकार की नहीं, हम सबकी जिम्मेदारी है।”
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