नई दिल्ली, प्रधानमंत्री संग्रहालय तीन मूर्ति में आयोजित श्रीकांत वर्मा जयंती समारोह में एक ऐतिहासिक घोषणा हुई। इस अवसर पर उनके पुत्र और शिवसेना (NDA) के मुख्य राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. अभिषेक वर्मा ने बताया कि अब हर साल 18 सितंबर को Srikant Verma ट्रस्ट की ओर से साहित्य, पत्रकारिता और कला के क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा सम्मान प्रदान किया जाएगा।
साहित्य के लिए 21 लाख का श्रीकांत वर्मा सम्मान
घोषणा के अनुसार, साहित्य के क्षेत्र में श्रीकांत वर्मा सम्मान दिया जाएगा जिसकी राशि 21 लाख रुपये होगी। यह पुरस्कार देश के साहित्यिक क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा सम्मान माना जाएगा।
पत्रकारिता और कला के लिए विशेष पुरस्कार

इसके साथ ही पत्रकारिता के क्षेत्र में 5 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। वहीं, प्रदर्शन कला (Performing Arts) और अन्य कला क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2-2 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।
नई प्रतिभाओं को मंच
डॉ. अभिषेक वर्मा ने कहा कि ट्रस्ट समय-समय पर देशभर में साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करेगा, ताकि नई प्रतिभाओं को मंच मिले और हिंदी साहित्य की परंपरा को आगे बढ़ाया जा सके।
साहित्यकारों और कवियों की मौजूदगी
समारोह के पहले सत्र में वरिष्ठ साहित्यकार अशोक वाजपेई, अशोक मिश्रा, स्वामी मोहन रूपा दास, सतीश जायसवाल, रमेश अनुपम, संजय अलंग (IAS), पत्रकार राणा यशवंत और दीपक कुमार ने श्रीकांत वर्मा के साहित्यिक योगदान पर अपने विचार साझा किए।
दूसरे सत्र में वरिष्ठ कवि अरुण देव, श्रद्धा सुनील और अन्य कवियों ने काव्य-पाठ कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्रीकांत वर्मा की साहित्यिक विरासत
श्रीकांत वर्मा केवल कवि ही नहीं, बल्कि विचारक और राजनेता भी थे। उनकी कृतियाँ – मगध, दिनआरम्भ, जलसाघर और अन्य संग्रह – हिंदी साहित्य में मील का पत्थर हैं। साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित श्रीकांत वर्मा ने हिंदी कविता को वैश्विक पहचान दिलाई।
वे लंबे समय तक संसद सदस्य भी रहे और साहित्य व संस्कृति को नीति-निर्माण में शामिल करने का कार्य किया।
परिवार की निरंतरता
उनकी विरासत को उनकी पत्नी स्व. श्रीमती वीणा वर्मा ने आगे बढ़ाया, जो तीन बार राज्यसभा सदस्य रहीं और हिंदी राजभाषा समिति की अध्यक्षता की। आज उनकी पोती निकोल वर्मा और पौत्र युवराज आदितेश्वर वर्मा भी इस परंपरा को आगे बढ़ाने के संकल्प के साथ खड़े हैं।
श्रीकांत वर्मा ट्रस्ट साहित्य, संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना की इसी विरासत को जीवित रखने का प्रतीक है।
ये भी पढ़ें : Delhi Encounter News: एनकाउंटर के बाद पुलिस ने दबोचा वांटेड अपराधी गुड्डू, शालीमार बाग रेप केस का था वांटेड
ये भी देखें : CM रेखा गुप्ता ने साझा किए भाव, 72 देशों के प्रतिनिधियों ने मां के नाम किया पेड़