PM Modi Mother AI Video: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले कांग्रेस को पटना हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां हीराबेन मोदी से जुड़े एआई जेनरेटेड वीडियो को सोशल मीडिया से हटाने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने साफ कहा कि इस तरह का वीडियो चुनावी माहौल को प्रभावित कर सकता है और इसे तत्काल प्रभाव से सभी प्लेटफॉर्म से हटाना अनिवार्य है।
पटना हाई कोर्ट का सख्त आदेश
पटना हाई कोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश पीबी बजंतरी की बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने कांग्रेस को निर्देश दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां का जो एआई जेनरेटेड वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया है, उसे तुरंत हटाया जाए। अदालत ने माना कि इस तरह का वीडियो गलत संदेश दे सकता है और राजनीतिक माहौल में तनाव बढ़ा सकता है।
क्या था कांग्रेस का वायरल वीडियो
10 सितंबर को बिहार कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर एक 36 सेकेंड का वीडियो पोस्ट किया था। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां जैसी दिखने वाली एक वृद्ध महिला दिखाई गई थी। वीडियो में वह महिला प्रधानमंत्री को डांटते हुए कहती नजर आती है कि वह उनके अपमान के पोस्टर छपवा रहे हैं और बिहार में नौटंकी कर रहे हैं। इस वीडियो में ऊपर एआई जेनरेटेड भी लिखा हुआ था। वीडियो सामने आने के बाद बिहार की राजनीति में हलचल मच गई और सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो गया।
बीजेपी का विरोध और मामला दर्ज
वीडियो के वायरल होते ही बिहार बीजेपी ने कांग्रेस पर सीधा हमला बोला और आरोप लगाया कि पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां का अपमान किया है। बीजेपी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस लगातार इस तरह की हरकतें कर रही है। इसके बाद दिल्ली में बीजेपी कार्यकर्ता संकेत गुप्ता ने इस वीडियो के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। शिकायत में कहा गया कि यह वीडियो प्रधानमंत्री और उनकी मां की छवि खराब करने के लिए बनाया गया है।
कांग्रेस का बचाव और पवन खेड़ा का बयान
मामले के तूल पकड़ने पर कांग्रेस पार्टी की ओर से मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि इस वीडियो का मकसद किसी का अपमान करना नहीं है, बल्कि यह दिखाना है कि मां अपने बेटे को राजधर्म सिखा रही है। उनका कहना था कि अगर प्रधानमंत्री को यह वीडियो अपमानजनक लगता है तो यह उनकी व्यक्तिगत समस्या है। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी इस वीडियो को गलत तरीके से पेश कर सहानुभूति बटोरने की कोशिश कर रही है।
हाई कोर्ट का फैसला
पटना हाई कोर्ट का यह आदेश न केवल कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है बल्कि चुनावी मौसम में सोशल मीडिया और एआई तकनीक के इस्तेमाल पर गंभीर सवाल भी खड़े करता है। यह फैसला राजनीतिक दलों को यह संदेश देता है कि चुनाव प्रचार के दौरान तकनीक का दुरुपयोग करने पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
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