Indian Army: भारतीय सेना में अग्निवीर योजना के तहत भर्ती हुए मेरठ जनपद के पस्तरा गांव निवासी ललित कुमार ने देश की सेवा करते हुए अपनी जान कुर्बान कर दी। शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा के पास हुए बारूदी सुरंग विस्फोट में ललित कुमार वीरगति को प्राप्त हो गए। जैसे ही यह दुखद समाचार गांव पहुंचा, पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।
छह महीने से जम्मू-कश्मीर में कर रहे थे देश की सेवा
अक्टूबर 2023 में अग्निवीर योजना के तहत सेना में शामिल हुए ललित कुमार की पोस्टिंग पिछले छह महीने से जम्मू-कश्मीर में चल रही थी। उन्होंने जानी स्थित सीएलएम इंटर कॉलेज से 12वीं की पढ़ाई पूरी की थी और बचपन से ही देश सेवा का सपना देखा था। नौ जुलाई को 15 दिन की छुट्टी बिताने के बाद जब वे वापस ड्यूटी पर लौटे, तब किसी को अंदाजा नहीं था कि यह उनकी अंतिम विदाई होगी।
परिवार में सबसे छोटे थे ललित, शहादत पर गर्व
ललित अपने माता-पिता राजपाल के सबसे छोटे पुत्र थे। उनके तीन भाई-बहन—कुलदीप, नीतीश और बहन काजल—ने उनकी शहादत पर गर्व जताते हुए कहा कि ललित भले ही उम्र में छोटा था, लेकिन साहस और जिम्मेदारी के मामले में सबसे आगे था। परिवार के लोगों का कहना है कि दुख के साथ गर्व भी है कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हुआ।
उपराज्यपाल ने दी श्रद्धांजलि, राष्ट्र ने माना वीर
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अग्निवीर ललित कुमार की शहादत पर शोक जताते हुए कहा, “राष्ट्र की सेवा में उन्होंने सर्वोच्च बलिदान दिया है। उनका शौर्य और समर्पण हमेशा स्मरणीय रहेगा। इस दुख की घड़ी में पूरा देश उनके परिवार के साथ है।”
अंतिम दर्शन को उमड़ने लगी भीड़
ललित की शहादत की खबर जैसे ही पस्तरा गांव में फैली, पूरे गांव में मातम पसर गया। हर कोई अपने होनहार सपूत को अंतिम बार देखने की प्रतीक्षा कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि ललित न सिर्फ एक जिम्मेदार युवा था, बल्कि वह हमेशा मुस्कुराते चेहरे के साथ सबकी मदद को तैयार रहता था।
शनिवार को जब शहीद ललित का पार्थिव शरीर गांव पहुंचेगा, तो ‘भारत माता की जय’ और ‘शहीद ललित अमर रहे’ के नारों से गांव गूंज उठेगा। अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
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