UP Floods News: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में चंबल और उटंगन नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। कोटा बैराज से करीब 2.60 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद बुधवार को चंबल नदी का जलस्तर 122 मीटर तक पहुंच गया। इस बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने एहतियातन कई कदम उठाए हैं।
स्टीमर संचालन बंद
चंबल नदी में आए उफान के कारण स्टीमर का संचालन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इससे कांवड़ यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं और आम यात्रियों को आवागमन में भारी परेशानी हो रही है। बुधवार दोपहर करीब दो बजे उप जिलाधिकारी (बाह) हेमंत कुमार बिंद अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पिनाहट घाट पहुंचे और हालात का जायजा लिया।
उनके साथ नायब तहसीलदार दयानंद पौरुष, कानूनगो दिनेश कुमार, लेखपाल सुनील कुमार और प्रभारी निरीक्षक पिनाहट मनोज कुमार भी मौजूद रहे। अधिकारियों ने पंप हाउस और घाट क्षेत्र का निरीक्षण कर स्थिति की समीक्षा की।
तटीय गांवों में अलर्ट
प्रशासन ने तटवर्ती गांवों में मुनादी कर लोगों को सतर्क कर दिया है और चंबल नदी के किनारे न जाने की हिदायत दी है। मनसुखपुरा, पिनाहट, उमरैठा, बासौनी, खेड़ा राठौर, नदगंवा, सिमराई और पुरा भगवान जैसे गांवों में 8 बाढ़ नियंत्रण चौकियां बनाई गई हैं, जहां कानूनगो और लेखपालों की तैनाती की गई है।
गौरतलब है कि चंबल नदी का चेतावनी निशान 127 मीटर और खतरे का निशान 130 मीटर है, ऐसे में बढ़ता जलस्तर चिंता का विषय बन गया है।
फतेहाबाद-पिनाहट संपर्क टूटा
उटंगन नदी भी अपने उफान पर है। पिनाहट ब्लॉक क्षेत्र के गांव टोडा में बना पुल (रपटा) जलमग्न हो गया है, जिससे पिनाहट और फतेहाबाद के ग्रामीणों के बीच आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है। कई गांवों की फसलें जलमग्न हो चुकी हैं।
ग्राम प्रधान नेमीचंद ने बताया कि जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और ग्रामीणों को जोखिम न उठाने की सलाह दी गई है। बावजूद इसके कुछ लोग अभी भी जोखिम लेकर नदी पार करने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रभावित गांवों की सूची
पिनाहट ब्लॉक के जिन 20 गांवों पर असर पड़ा है, उनमें सीयपुरा, शाहपुर, टोडा, मनौना, गुरावली, सेरब, सबोरा, अरनौटा, बीधापुर, बसई अरेला, बसई भदौरिया, कांकरखेड़ा, मानिकपुरा, पिढौरा, बलाई, कौंध, रीठई प्रमुख हैं।
प्रशासन ने बढ़ाई निगरानी
उप जिलाधिकारी फतेहाबाद अभय सिंह ने बताया कि सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है और ग्रामीणों से अपील की गई है कि जलस्तर सामान्य होने तक नदी पार न करें, और बच्चों या पशुओं को भी नदी या रपटे की ओर न भेजें।
ये भी पढ़ें : Kanwar Yatra 2025: यूपी में कांवड़ यात्रा के दौरान 16 से 23 जुलाई तक स्कूल-कॉलेज बंद, प्रशासन का बड़ा फैसला
ये भी देखें : हावड़ा तक पहुंचा SSC शिक्षकों का आंदोलन, सरकार के खिलाफ निकाला नबन्ना मार्च