UP News: उत्तर प्रदेश में हुए बहुचर्चित राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 89.84 लाख रुपये मूल्य की चल और अचल संपत्तियां कुर्क कर ली हैं। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है।
ईडी ने इस घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच की और पाया कि कई लोगों ने गैरकानूनी तरीके से सरकारी फंड को निजी संपत्तियों में बदल दिया। इसके आधार पर अब तक 89.84 लाख रुपये मूल्य की संपत्तियों को कुर्क किया जा चुका है।
क्या है एनआरएचएम घोटाला?
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) योजना की शुरुआत साल 2005 में हुई थी। इसका मकसद ग्रामीण इलाकों और छोटे शहरों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना था। इस योजना के तहत अस्पतालों का निर्माण, दवाओं की खरीद, डॉक्टरों की नियुक्ति और मेडिकल सुविधाओं के विस्तार पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किए गए।
लेकिन, साल 2005 से 2011 के बीच इस योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। इस दौरान अधिकारियों और ठेकेदारों ने मिलकर फर्जी बिल बनाए, दवाओं की खरीद में हेरफेर की, उपकरणों की अधिक कीमत वसूली और फंड का दुरुपयोग किया।
पहले भी हो चुकी हैं गिरफ्तारियां
NRHM घोटाले में कई अधिकारियों, डॉक्टरों और ठेकेदारों की संलिप्तता सामने आ चुकी है। कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और कई आरोपी जेल की सजा भी काट रहे हैं। साल 2012 में इस घोटाले की जांच के दौरान कई अधिकारियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी, जिससे यह मामला और भी पेचीदा हो गया था।
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अब क्या होगा?
ईडी की कार्रवाई यह संकेत देती है कि सरकार इस घोटाले में शामिल लोगों पर शिकंजा कसने के मूड में है। कुर्क की गई संपत्तियों की आगे जांच होगी और दोष साबित होने पर सरकार इन संपत्तियों को अपने कब्जे में ले सकती है।
उत्तर प्रदेश के इतिहास के सबसे बड़े घोटालों में से एक माने जाने वाले इस मामले में और भी बड़े नाम सामने आने की संभावना है। अब देखना यह है कि भ्रष्टाचार के इस जाल में कौन-कौन फंसता है और क्या यह घोटाला अपने अंजाम तक पहुंच पाएगा।