दिल्ली में एक बार फिर से सियारत के गलियारों का पारा सातवें आसमान पर पहुंचता नजर आ रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि अब राजनीतिक सरगर्मियां इतनी तेज हो गईं हैं कि मामला सदन सड़क तक पहुंच चुका है। बताया तो ये भी जा रहा है कि दोनों पार्टियां चुनाव टलने का टीकड़ा एक दूसरे पर फोड़ने में जुटी हुईं हैँ।
नजारा तो ये है कि है कि भारतीय जनता पार्टी एक तरफ आप दफ्तर पर प्रदर्शन कर रही है, वहीं आम आदमी पार्टी भाजपा दफ्तर पर प्रदर्शन कर रही है। दोनों पार्टियां एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं कि उनकी वजह से सदन में बार-बार मेयर का चुनाव टल रहा है। हो कुछ भी सियासत में तेजी से दिल्ली के आम लोगों को ट्रैफिक जाम से लेकर अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
दोनों पार्टियां कैसे जता रही हैं नाराजगी
जानकारी के लिए बता दें कि भाजपा के कार्यकर्ताओं ने हाथ में बैनर ले रखा है जिसमें लिखा है नगर निगम हो या विधानसभा आम आदमी पार्टी कर रही हंगामा, हंगामा, हंगामा। वहीं अगर आम आदमी पार्टी की बात करें तो 5 आम आदमी पार्टी ने अपने हाथ में जो प्लकार्ट ले रखे हैं उसमें लिखा है भाजपा वालों शर्म करो, लोकतंत्र की हत्या बंद करो।
अब तक कि मिली जानकारी के हिसाब से दिल्ली में मेयर चुनाव लगातार तीसरी बार टल गया। पिछले साल दिसंबर में एमसीडी चुनाव और नतीजे घोषित होने के बाद सदन की ये तीसरी बार बैठक बुलाई गई लेकिन हर बार हंगामे की वजह से मेयर, डेप्युटी मेयर और स्टैंडिंग कमिटी के सदस्यों का चुनाव नहीं हो पाया। दिलचस्प बात ये है कि बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों ही एक दूसरे पर चुनाव से भागने का आरोप लगा रही हैं। AAP अब कोर्ट की निगरानी में चुनाव की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान कर दिया है। इस बार भी पेच फंसा है
बीजेपी ने कही बड़ी बात
भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि आम आदमी पार्टी मेयर चुनाव टालने के लिए तरह-तरह के बहाने कर रही है। इसे लेकर बीजेपी के पार्षद, एल्डरमैन और दिल्ली के सांसद मंगलवार को आम आदमी पार्टी के मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे। बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने पार्टी के अन्य नेताओं के साथ किए गए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एल्डरमेन को मेयर चुनाव में वोट देने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि कानून ने केंद्र सरकार को ये अधिकार दिया है कि वह ये फैसला करे कि एमसीडी सदन में कौन वोट दे सकेगा। बीजेपी नेता राज्यसभा में मनोनीत सदस्यों का भी हवाला दे रहे हैं जिन्हें सदन में वोट देने का अधिकार होता है। इसी को लेकर सियासी हवाएं काफी तेज हे गई।

