UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को बौद्ध महाकुंभ यात्रा का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सभी उपासना विधियों का एक मंच पर आना अभिनंदनीय है। मुख्यमंत्री ने हिंदू और बौद्ध धर्म को एक ही वट वृक्ष की शाखाएं बताते हुए कहा कि अगर ये दोनों एक मंच पर आ जाएं तो यह दुनिया में सबसे शक्तिशाली वटवृक्ष बन जाएगा, जो सभी को छांव और सुरक्षा प्रदान करेगा।
भगवान बुद्ध के संदेश को आगे बढ़ाने का संकल्प
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान बुद्ध ने दुनिया को करुणा और मैत्री का संदेश दिया था। उन्होंने कहा, “आज अगर भारत रहेगा तो भगवान बुद्ध का संदेश भी रहेगा। लेकिन कुछ लोग भारत को बांटने का षड्यंत्र कर रहे हैं। ऐसे आयोजनों से भारत विरोधी तत्वों की नींद हराम हो गई है। वे अलग-अलग माध्यमों से दुष्प्रचार कर रहे हैं, लेकिन सत्य को कभी पराजित नहीं किया जा सकता।”
योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा, “भगवान बुद्ध ने कहा था कि सत्य की अनुभूति की जाती है, इसे शब्दों में बयां करना मुश्किल होता है। आज यहां कोटि-कोटि संत और श्रद्धालु इसी सत्य की अनुभूति कर रहे हैं।”
‘भारत का डंका पूरी दुनिया में बजा’
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महाकुंभ एकता का संदेश दे रहा है, लेकिन बहुत सारे लोगों को यह आयोजन पसंद नहीं आ रहा। उन्होंने कहा, “प्रयागराज महाकुंभ में 38 करोड़ श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। इसने भारत विरोधी तत्वों की नींद उड़ा दी है।”
योगी आदित्यनाथ ने बौद्ध महाकुंभ को आत्म साक्षात्कार का माध्यम बताते हुए कहा कि इस आयोजन का संदेश पूरी दुनिया तक जाना चाहिए। उन्होंने श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे इस एकता के संदेश को गांव-गांव और घर-घर तक पहुंचाने का कार्य करें।
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बौद्ध संतों पर पुष्पवर्षा
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बौद्ध संतों और विद्वानों का सम्मान किया और उन पर पुष्पवर्षा भी की। कार्यक्रम में जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश जी समेत बौद्ध धर्म से जुड़े कई संत उपस्थित रहे।