Ghaziabad: रविवार सुबह करीब सात बजे लोनी के कंचन पार्क कॉलोनी में भीषण आग लगने से शाहनवाज और शमशाद के परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। इस हादसे में शाहनवाज की पत्नी गुलबहार और उनके दोनों बेटे शान (8) और जान (9) के साथ शमशाद के बेटे जीशान की दर्दनाक मौत हो गई।
मवाना से मेरठ तक जुड़े थे रिश्ते
मूल रूप से मवाना, मेरठ के रहने वाले शाहनवाज और शमशाद, लोनी की कंचन पार्क कॉलोनी में अपने-अपने परिवारों के साथ तीसरी मंजिल पर रहते थे। घर के दूसरे तल पर दोनों सिलाई का काम करते थे। हादसे के वक्त सभी परिवार वाले तीसरी मंजिल के कमरों में सो रहे थे। अचानक आग लगने से पूरा परिवार धुएं और आग की चपेट में आ गया।
एक मासूम बचा, बाकी सब खत्म
इस हादसे में सिर्फ शमशाद का चार साल का बेटा अयान बच पाया। अयान को लेकर उसकी मां आयशा और शमशाद जैसे-तैसे पड़ोस की छत पर कूदकर बाहर निकले और जान बचाई। शमशाद ने आंखों में आंसू लिए कहा, “सब खतम हो गया।” शाहनवाज बार-बार बेहोश हो रहे हैं, उनकी पत्नी गुलबहार और दोनों बेटे अब इस दुनिया में नहीं रहे।
आग लगने का कारण अज्ञात
आग कैसे लगी, इसका अब तक कोई ठोस कारण सामने नहीं आया है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) राहुल पाल ने बताया कि आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। हादसे के बाद पूरे इलाके में शोक की लहर है। स्थानीय पुलिस ने भी जांच शुरू कर दी है।
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संकरी जगह के कारण बढ़ी समस्या
सीएफओ राहुल पाल ने जानकारी दी कि मकान का प्रवेश मार्ग बेहद संकरा था। फायर टेंडर घटनास्थल तक नहीं पहुंच सके और करीब 500 मीटर दूर खड़े करने पड़े। बगल के मकान की छत से दीवार तोड़कर हौज पाइप के जरिए आग बुझाई गई। उन्होंने कहा कि यदि यह हादसा खुले क्षेत्र में हुआ होता तो इतने बड़े नुकसान से बचा जा सकता था।
चार लाशें उठने से पसरा मातम
हादसे में एक साथ चार जानें जाने से लोनी में गम और मातम का माहौल है। लोग इस दर्दनाक घटना को लेकर सदमे में हैं। शाहनवाज और शमशाद जैसे परिवारों पर आए इस संकट ने कॉलोनी के हर शख्स को झकझोर कर रख दिया है। पुलिस और प्रशासन मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रहे हैं।