Noida: नोएडा सेक्टर-73 में शुक्रवार को एक दर्दनाक घटना सामने आई। एक 27 वर्षीय युवक ने फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली। मृतक मयंक, शाहजहांपुर का रहने वाला था और पिछले चार सालों से अपनी एक महिला मित्र के साथ सहमति संबंध में रह रहा था। घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है। पुलिस ने मौके से एक सुसाइड नोट बरामद किया है, जिसमें युवक ने अपनी मानसिक पीड़ा और जीवन की समस्याओं का उल्लेख किया है।
सुसाइड नोट में लिखी परेशानियां
मयंक ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि वह लंबे समय से मानसिक तनाव से जूझ रहा था। नोट के मुताबिक, उसके सहमति संबंध में रह रही युवती अक्सर उसे टोकती थी। युवती उसे बेरोजगार होने पर ताने मारती थी और कहती थी कि वह बिना काम किए घर का खर्च उठाने में असमर्थ है। इन बातों ने मयंक को अंदर से तोड़ दिया। नौकरी की तलाश में बार-बार असफलता और घरेलू कलह ने उसे इस कदम के लिए मजबूर कर दिया।
बेरोजगारी बनी सबसे बड़ी वजह
मयंक एक बीटेक ग्रेजुएट था और अपने करियर में सफलता पाने के लिए संघर्ष कर रहा था। हालांकि, बीते कुछ समय से वह बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहा था। परिवार और करियर की अपेक्षाओं के बीच दबाव ने उसे गहरे अवसाद में धकेल दिया। पढ़ाई पूरी करने के बाद भी नौकरी न मिलने की वजह से वह हताश था।
घटना स्थल पर पुलिस को मिला शव
शुक्रवार शाम करीब 4:17 बजे पुलिस को घटना की सूचना मिली। मयंक सेक्टर-73 के शौर्य बैंक्वेट हॉल के पास तीसरी मंजिल पर किराए के मकान में रहता था। मौके पर पहुंची पुलिस ने देखा कि मयंक का शव पंखे से लटक रहा था। पुलिस ने शव को फंदे से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
परिजनों को दी गई सूचना
पुलिस ने मृतक के परिजनों को घटना की जानकारी दी। मयंक के परिवार ने बताया कि वह अपने करियर को लेकर बेहद चिंतित था। परिवार वालों के अनुसार, मयंक बेहद संवेदनशील स्वभाव का था और नौकरी न मिलने के कारण वह हमेशा परेशान रहता था।
युवती के खिलाफ जांच जारी
इस मामले में पुलिस ने मृतक की महिला मित्र के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने कहा कि युवती की भूमिका और अन्य पहलुओं की भी बारीकी से जांच की जाएगी। फिलहाल युवती से पूछताछ की जा रही है और सुसाइड नोट को साक्ष्य के रूप में जांच में शामिल किया गया है।
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बेरोजगारी और मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल
यह घटना समाज में मानसिक स्वास्थ्य और बेरोजगारी से जुड़े मुद्दों पर गंभीर सवाल खड़े करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि नौकरी न मिलने और व्यक्तिगत रिश्तों में खटास जैसी समस्याएं युवाओं को मानसिक तनाव की ओर धकेल सकती हैं।