Noida : नोएडा प्राधिकरण में एक बड़ी कार्रवाई की गई है। प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने एक जूनियर इंजीनियर को बर्खास्त कर दिया है और दो अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए उनका निलंबन प्रस्ताव शासन को भेजने का आदेश दिया है। यह कार्रवाई जांच में अधिकारियों की मिलीभगत और प्राधिकरण को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाने के मामले में की गई है।
भ्रष्टाचार का हुआ खुलासा
सूत्रों के अनुसार, प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजय खत्री ने हाल ही में सेक्टर-142 से 144 तक नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के समानांतर पथ में विद्युत कार्य का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि विद्युत कार्य के लिए एक निश्चित लागत पर कार्य कराया जा रहा था, लेकिन उस कार्य का लेआउट प्लान एग्रीमेंट में शामिल नहीं था। इसके अलावा, कार्य स्थल पर कोई स्टोर नहीं बनाया गया था और कार्य का भुगतान वास्तविक लागत से अधिक के बिलों के आधार पर किया गया था।
जांच में यह भी पता चला कि जो केबल विद्युत कार्य के लिए खरीदी गई थी, वह आवश्यकता से कहीं अधिक थी। कार्य स्थल पर प्रगति मात्र 40 प्रतिशत पाई गई, जबकि कार्य के भुगतान के लिए 45 प्रतिशत की राशि जारी कर दी गई थी। इससे स्पष्ट हो गया कि अधिकारियों ने मिलकर आवश्यकता से अधिक धनराशि का भुगतान किया और काम में भी गड़बड़ी की।
1 करोड़ 40 लाख रुपये का घोटाला
यह कार्य वित्तीय वर्ष 2023-24 का था, जिसमें लगभग 1 करोड़ 40 लाख रुपये की लागत से नई विद्युत केबल बिछाने का कार्य प्रस्तावित था। जांच में जो रिपोर्ट सामने आई, उससे यह बात स्पष्ट हो गई कि कार्य में हुई अनियमितताओं और अधिकारियों की मिलीभगत के चलते प्राधिकरण को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ।
कार्रवाई की शुरुआत
प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने इस मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत कार्रवाई करते हुए अवर अभियंता (संविदा) अनीक सिंह की सेवाएं समाप्त कर दीं। इसके साथ ही, दो अन्य वरिष्ठ अधिकारियों, शिव शक्ति जायसवाल (प्रबंधक, विद्युत यांत्रिक प्रथम) और प्रदीप कुमार (वरिष्ठ प्रबंधक, विद्युत यांत्रिक प्रथम) के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की फाइल शासन को भेजने का निर्देश दिया है।
इस आदेश के बाद नोएडा प्राधिकरण (Noida) में हड़कंप मच गया है, और अधिकारियों के बीच इस मामले को लेकर चर्चा का माहौल है। सीईओ की सख्त कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि भ्रष्टाचार को लेकर प्राधिकरण में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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