नई दिल्ली: दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसानों की बैठक रद्द हो गई है। बताया जा रहा है कि संसद सत्र में कृषि कानून वापस होने के बाद आंदोलन की नई रणनीति को लेकर संयुक्त किसान मोर्च की यह बैठक होनी थी। वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक सरकार किसानों की मांगे नहीं मानती, आंदोलन जारी रहेगा।
संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक अब 4 दिसंबर को होगी। राकेश टिकैत ने कहा, आज की बैठक किसान संगठनों के बीच है। हमारा आंदोलन तभी खत्म होगा, जब हमारी मांगे मान ली जाएंगी। टिकैत ने अपनी मांगों को दोहराते हुए कहा, 50-55 हजार मुकदमे जो आंदोलन के दौरान दर्ज हुए हैं, वे वापस लिए जाएं, MSP गारंटी कानून बने, जिन किसानों ने जान गंवाई है, उन्हें मुआवजा मिले, जो ट्रैक्टर बंद हैं उन्हें ट्रैक्टर दिए जाएं। अब ये हमारे मुख्य मुद्दे हैं। सरकार को बातचीत करनी चाहिए।
किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने बैठक रद्द होने पर सफाई देते हुए कहा, आज 32 किसान संगठन और वे लोग जो सरकार के साथ बातचीत के लिए जाते थे, उनकी बैठक बुलाई गई है। गलती से घोषणा हो गई कि संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक है। हमारे लोगों के खिलाफ दर्ज मामलों, MSP की कमेटी के मुद्दे पर चर्चा होगी। वही, पंजाब के 32 जत्थेबंदियों की आज बैठक होगी। यह बैठक 1 बजे होगी। बताया जा रहा है कि पंजाब के जत्थेबंदी कृषि कानून वापस होने के बाद से आंदोलन खत्म करने के पक्ष में हैं।
हरियाणा के किसान नेताओं की भी आज बैठक होनी है। हरियाणा के किसान नेताओं की बैठक मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी होनी थी। लेकिन मुख्यमंत्री ऑफिस की ओर से साफ कर दिया गया है कि किसानों को बातचीत से पहले आंदोलन खत्म करने का ऐलान करना होगा।
(मीनाक्षी रजत तिवाड़ी)