Iran: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने शुक्रवार को तेहरान में आयोजित एक विशाल नमाज सभा को संबोधित करते हुए मुस्लिम राष्ट्रों के बीच एकजुटता का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अगर सभी मुस्लिम एक साथ खड़े हो जाएं, तो उनके दुश्मनों के मनसूबे अपने आप नाकाम हो जाएंगे। खामेनेई ने खास तौर पर इजराइल और अमेरिका को मुस्लिमों का सबसे बड़ा दुश्मन बताया और कहा कि इन देशों की शैतानी सियासत से बचने के लिए सभी मुस्लिम राष्ट्रों को मिलकर काम करना चाहिए।
मुस्लिम एकता का संदेश
अपने भाषण के दौरान, खामेनेई ने कहा, “ईरानी राष्ट्र का दुश्मन वही है, जो इराकी राष्ट्र का दुश्मन है। वही लेबनानी और मिस्र राष्ट्र का भी दुश्मन है। हम सबका दुश्मन एक है।” इस बयान के माध्यम से उन्होंने सभी मुस्लिम देशों से एकजुट होकर दुश्मनों का सामना करने की अपील की।
खामेनेई ने कहा कि अल्लाह के बताए हुए रास्ते से भटकने से बचना चाहिए क्योंकि दुश्मन अपनी शैतानी सियासत को बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर मुस्लिम देश एकजुट होते हैं, तो उनके दुश्मनों की साजिशें अपने आप विफल हो जाएंगी।
इजराइल पर गंभीर आरोप
खामेनेई ने अपने भाषण में इजराइल पर तीखे आरोप लगाते हुए कहा कि इजराइल हमेशा नए-नए देशों पर कब्जा करने की फिराक में रहता है। उन्होंने कहा, “जब वे एक देश से संतुष्ट हो जाते हैं, तो दूसरे देश में घुसपैठ करने लगते हैं। हर देश जो दुश्मन के कब्जे में नहीं आना चाहता, उसे शुरू से ही सचेत रहना चाहिए। जब दुश्मन किसी दूसरे देश पर हमला करता है, तो उसकी मदद करना मुस्लिमों का कर्तव्य है।”
इजराइल को खुली धमकी
अपने भाषण में खामेनेई ने इजराइल को खुली धमकी देते हुए कहा, “अगर इजराइल ने 180 मिसाइलों के हमले का जवाब दिया, तो हम तेल अवीव और हाइफा को मिट्टी में मिला देंगे।” उन्होंने स्पष्ट किया कि क्षेत्र में प्रतिरोध कम नहीं होगा और ईरान किसी भी प्रकार के हमले के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि ईरान की इस्लामी क्रांति के शुरुआती दौर में कई महत्वपूर्ण हस्तियों की हत्या कर दी गई थी, लेकिन इससे क्रांति की रफ्तार नहीं रुकी। उन्होंने लेबनान और गाजा में लड़ रहे प्रतिरोधी सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा, “ये सारी शहादतें तुम्हारे दृढ़ संकल्प को हिला नहीं पाएंगी।”
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हजारों की भीड़ का समर्थन
इस विशाल सभा में ईरान और इराक से आए लाखों लोग शामिल हुए थे। खामेनेई के भाषण के दौरान कई लोग “इजराइल की मौत” के नारे लगाते हुए दिखाई दिए, जो इस बात का संकेत था कि जनता का समर्थन भी खामेनेई की नीतियों के साथ खड़ा है।