कोलकाता में 8 अगस्त को हुए ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर मामले में आंदोलन कर रहे डॉक्टरों और सरकार के बीच आखिरकार एक बड़ी सहमति बन गई है. घटना के 38 दिनों बाद ममता सरकार ने डॉक्टरों की 3 मांगें मान ली है. तो वहीं डॉक्टरों की मांगों को मानने के बाद अब ममता सरकार चाहती है किसी तरह जूनियर डॉक्टर अपने काम पर लौटें.
दरअसल, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के विरोध में जूनियर डॉक्टर कई दिनों से विरोध कर रहे थे, जिसकी वजह से मरीजों को और स्वास्थ्य व्यवस्था को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था. ऐसे में ममता सरकार के साथ-साथ सुप्रीं कोर्ट ने डॉक्टरों को अपने काम पर लौटने को कहा लेकिन डॉक्टरों ने अपना विरोध जारी रखना पड़ा. जिसके चलते आखिरकार ममता सरकार को डॉक्टरों के आगे झुकना पड़ा और उनकी मांगों को मानने का फैसला किया.
तो वहीं प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों से मिलने के बाद बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने सोमवार को ऐलान किया है कि वह विरोध प्रदर्शन कर रहें डॉक्टरों की पांच मांगों में से तीन मांगों को मानेंगी जिसमें स्वास्थ्य विभाग के दो सर्वोच्च अधिकारियों और कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल (Kolkata Police Commissioner Vineet Goyal) को हटाने का फैसला किया हैं. इसी के साथ ही, शहर के उत्तरी क्षेत्र के पुलिस प्रमुख को भी हटा दिया जाएगा, जहां आर आरजी कर अस्पताल स्थित है. हालांकि, आंदोलनकारी डॉक्टरों और ममता बनर्जी के बीच गतिरोध सुलझ गया है, लेकिन मंगलवार सुबह औपचारिक आदेश आने तक पिछले 38 दिनों से चल रहे विरोध प्रदर्शन के जारी रहने की उम्मीद है.
बता दें कि डॉक्टरों के साथ हुई बैठक के बाद ममता बनर्जी ने कहा है कि बातचीत सफल रही और उनकी (डॉक्टरों की) करीब 99 प्रतिशत मांगें मान ली गई हैं. इससे ज़्यादा मैं और क्या कर सकती हूं, आरजी कर अस्पताल मामले में अपने आवास पर आयोजित बैठक के बाद मुख्यमंत्री बनर्जी ने संवाददाताओं को बताया कि कोलकाता के नए पुलिस कमिश्नर के नाम की घोषणा मंगलवार शाम 4 बजे के बाद की जाएगी. मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह भी किया. उन्होंने कहा कि, डॉक्टरों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी… मैं उनसे काम पर लौटने का अनुरोध करती हूं क्योंकि आम लोग प्रभावित हो रहे हैं. इलाज न होने पाने की वजह से काफी संख्या में मरीज मर गए और बहुतों को इलाज नहीं मिल पा रहा है.
ये भी पढ़ें…
ममता बनर्जी ने आगे कहा कि, डॉक्टरों ने जो मांग की है, उसे मैंने मान लिया है. हमने उनकी (डॉक्टरों की) ज़्यादा ही बातें मानी हैं क्योंकि वे छोटे हैं. पुलिस कमिश्नर को हटाने और बदलने का फैसला किया गया है. पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल ने खुद मुझसे कहा है कि मैं अपने पद से हटना चाहता हूं क्योंकि मेरा भी अपना परिवार है और उन्हें यह सब पसंद नहीं आ रहा है. इससे पहले, ममता ने 14 सितंबर को प्रदर्शन स्थल का दौरा कर आंदोलनकारी डॉक्टरों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया था. उन्होंने डॉक्टरों को उनकी मांगें मानने का भरोसा दिलाने की कोशिश की, बावजूद इसके दोनों पक्षों में बातचीत की कोशिश असफल नहीं हो पाई थी.
बता दें कि इस बैठक से पहले भी ममता सरकार और डॉक्टरों के बीच बातचीत होनी थी लेकिन शनिवार 14 अगस्त को प्रस्तावित बैठक नहीं हो पाई क्योंकि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने दावा किया कि मुख्यमंत्री आवास के द्वार पर तीन घंटे तक इंतजार करने के बाद उनसे अमर्यादित रूप से वहां से जाने के लिए कहा गया था. ऐसे में जब सरकार द्वारा बातचीत की मांग को ठुकराए जाने के कारण डॉक्टरों नें नाराज़गी जताई और उन्होंने मुख्यमंत्री आवास में जाने से इनकार कर दिया था.