उत्तर उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटओ में 37 सीटों पर जीत के बाद राज्य की सबसे बड़ी पार्टी सपा के मुखिया अब राज्य नहीं बल्कि दिल्ली के राजनीति की मूड मे दिख रहें हैं। राजधानी लखनऊ में पार्टी संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद अब यह लगभग साफ हो गया है कि अखिलेश यादव करहल से विधायक पद छोड़ देंगे। हालांकि अभी इसका आधिकारिक एलान बाकी है।
अब दिल्ली पर अखिलेश का फोकस
अखिलेश यादव फिलहाल दो सीटों से निर्वाचित हैं। जिसमें वो करहल विधानसभा सीट (मैनपुरी) से विधायक है और हाल ही में सम्पन्न हुए लोकसभा चुनाव में कन्नौज सीट से सांसद हैं। ऐसे में उन्हें एक सीट छोड़ना होगा जिसके लिए उन्होंने मं बना लिया हैं। मीडिया सूत्रों की माने तो अखिलेश फिलहाल केंद्रीय राजनीति पर ध्यान केंद्रित करने के मूड में है और इसलिए वो करहल विधानसभा सीट से अपना इस्तीफा देंगे।
2019 में मैनपुरी से जीत के बाद पद से इस्तीफा
ज्ञात हो की लोकसभा चुनाव 2019 मे भी अखिलेश ने मैनपुरी से जीत हासिल की थी। लेकिन उस चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन कुछ खास नहीं हुआ जिसके चलते उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया। लेकिन इस चुनाव में समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव मे अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। जिसके बाद वो केंद्र की राजनीति पर फोकस करना चाहते हैं।
करहल से तेज प्रताप यादव प्रबल दावेदार
अखिलेश के सीट छोड़ने की खबरों के साथ साथ पार्टी उनके स्थान पर अपना उम्मीदवार भी तय कर रही हैं। लेकिन माना जा रहा हैं कि उनके बाद तेज प्रताप यादव करहल से प्रबल दावेदार होंगे। ज्ञात हो की तेज प्रताप पहले मुलायम सिंह और इस बार लोकसभा चुनाव में डिंपल यादव के साथ मैनपुरी में प्रचार कर चुके हैं। तेज प्रताप मैनपुरी से पूर्व सांसद भी रह चुके हैं।