Delhi Liquor Policy Case: कथित आबकारी नीति घोटाले के सिलसिले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय मंगलवार यानी आज अपना फैसला सुनाएगा। हाई कोर्ट की वेबसाइट के मुताबिक जस्टिस स्वर्णकांत शर्मा दोपहर 2:30 बजे याचिका पर सुनवाई करेंगे. सीएम केजरीवाल अपनी गिरफ्तारी का विरोध करने के अलावा ईडी की हिरासत में भेजे जाने को भी चुनौती दी है। बता दें कि 1 अप्रैल को राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
गिरफ्तारी का उद्देश्य राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने से रोकना है
न्यायमूर्ति शर्मा ने 27 मार्च को केजरीवाल की याचिका पर नोटिस जारी किया था जिसमें 21 मार्च को उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ तत्काल रिहाई के संबंध में अंतरिम राहत की मांग की गई थी। उन्होंने फैसला सुनाने के लिए 3 अप्रैल की तारीख तय की थी। 3 अप्रैल को करीब चार घंटे तक दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस शर्मा ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. केजरीवाल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि गिरफ्तारी का उद्देश्य उन्हें राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने से रोकना है, जिससे संविधान की मौलिक संरचना प्रभावित होगी।
अपराध करेंगे और जमानत ले लेंगे
इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने तर्क दिया कि ‘अपराधियों, विचाराधीन कैदियों को यह कहने का कोई अधिकार नहीं है कि वे अपराध करेंगे और जमानत ले लेंगे क्योंकि चुनाव करीब आ रहे हैं।’ ईडी का दावा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह समेत आप (Aam Aadmi Party) के शीर्ष नेताओं ने अवैध कमाई के लिए साजिश रची।
दिल्ली की शराब नीति में अनियमितता का आरोप
ईडी ने केजरीवाल पर दिल्ली की शराब नीति 2021-2022 (जिसे विवाद के बाद रद्द कर दिया गया था) के कथित रूप से त्रुटिपूर्ण कार्यान्वयन के माध्यम से करोड़ों रुपये इकट्ठा करने का साजिशकर्ता होने का आरोप लगाया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने वर्ष 2021-22 के लिए उत्पाद शुल्क नीति (शराब नीति) को तैयार करने और लागू करने में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए 17 अगस्त, 2022 को एक आपराधिक मामला दर्ज किया था। इसके आधार पर ईडी ने 22 अगस्त 2022 को मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया.

