New Delhi: भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बनकर उभरा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भरोसा है कि भारत की आजादी के 100वें साल के मौके पर स्टार्टअप देश के विकास में अहम भूमिका निभाएंगे। देश में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए सरकार अहम प्रयास कर रही है। स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम के तहत, भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को स्टार्टअप इंडिया पंजीकरण के माध्यम से निवेश तक पहुंच की सुविधा प्रदान की जा रही है।
बुधवार को स्टार्टअप महाकुंभ को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत में स्टार्टअप संस्कृति तेजी से विकसित हुई है। स्टार्टअप्स की प्रगति सिर्फ महानगरों तक ही सीमित नहीं है; यह सामाजिक ताने-बाने का हिस्सा बन गया है, युवा छोटे शहरों से भी अपने नवाचार ला रहे हैं। कुछ साल पहले एक स्टार्टअप योजना के रूप में शुरू की गई योजना अब नई ऊंचाइयों पर पहुंच रही है, जो 2047 तक विकसित भारत के हमारे लक्ष्य के अनुरूप है। उन्होंने भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में स्टार्टअप की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2023 तक देश में लगभग 117,254 स्टार्टअप थे, जिनमें 110 यूनिकॉर्न भी थे। इन स्टार्टअप्स ने 12 मिलियन से अधिक नौकरियां पैदा की हैं और अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है।
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वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने स्टार्टअप महाकुंभ में बोलते हुए उल्लेख किया कि इस वर्ष देश में लगभग 100,000 पेटेंट दिए गए, जिनमें से लगभग 50% भारतीय नवाचार थे। भारत ने बौद्धिक संपदा अधिकारों के क्षेत्र में भी प्रगति की है और वैश्विक स्तर पर शीर्ष देशों में शुमार हो गया है। स्टार्टअप महाकुंभ के आयोजन के लिए ASSOCHAM, NASSCOM और इन्वेस्ट इंडिया सहित कई संगठनों ने सरकार के साथ सहयोग किया है।