Electoral Bonds: सुप्रीम कोर्ट ने 2024 के आम चुनाव से पहले चुनावी बॉन्ड की वैधता पर अपना निर्णायक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक करार देते हुए इस पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा कि यह योजना सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून का उल्लंघन करती है. इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक को 6 मार्च तक चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने का निर्देश दिया है.
चुनावी बॉन्ड क्या हैं ?
चुनावी बॉन्ड एक प्रकार का वचन पत्र होता है। इन्हें कोई भी भारतीय नागरिक या कंपनी भारतीय स्टेट बैंक की चुनिंदा शाखाओं से खरीद सकती है। ये बॉन्ड नागरिकों या कॉर्पोरेट कंपनियों के लिए अपने पसंदीदा राजनीतिक दलों को दान देने के साधन के रूप में काम करते हैं।
चुनावी बॉन्ड की शुरुआत कब हुई?
बता दें कि चुनावी बॉन्ड को वित्त विधेयक (2017) के साथ पेश किया गया था। 29 जनवरी, 2018 को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने चुनावी बॉन्ड योजना 2018 को अधिसूचित किया। यह उसी दिन शुरू हुई।
चुनावी बॉन्ड बिक्री के लिए कब उपलब्ध थे?
सरकार द्वारा प्रत्येक तिमाही की शुरुआत में 10 दिनों की अवधि के लिए चुनावी बॉन्ड बिक्री के लिए उपलब्ध कराए जाते रहें है। इस दौरान खरीदारी की जाती थी. सरकार ने चुनावी बॉन्ड की खरीद के लिए जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर के पहले 10 दिन निर्धारित किए हैं। इसके अतिरिक्त, लोकसभा चुनाव के वर्ष के दौरान सरकार द्वारा 30 दिनों की अतिरिक्त अवधि की योजना बनाई गई थी।
चुनावी बॉन्ड का उद्देश्य क्या था?
गौरतलब है कि चुनावी बॉन्ड पेश करते समय सरकार ने दावा किया था कि इससे राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता बढ़ेगी। इन बॉन्ड के माध्यम से, व्यक्ति या संस्थाएँ अपने पसंदीदा राजनीतिक दलों को दान दे सकते हैं।
चुनावी बॉन्ड से राजनीतिक दलों को कैसे फायदा हुआ?
कोई भी भारतीय नागरिक, कॉर्पोरेट या अन्य संस्थाएँ चुनावी बॉन्ड खरीद सकती हैं, और राजनीतिक दल इन बॉन्ड को बैंकों में भुनाकर रकम हासिल करते थे। बैंक ने केवल उन्हीं ग्राहकों को चुनावी बॉन्ड बेचे जिनका केवाईसी सत्यापित था। बॉन्ड पर दानकर्ता के नाम का कोई उल्लेख नहीं होता था।
क्या चुनावी बॉन्ड में निवेश पर कोई रिटर्न है?
निवेशकों को चुनावी बॉन्ड में कोई आधिकारिक रिटर्न नहीं मिला। ये बॉन्ड रसीदों के समान थे। बॉन्ड उस पार्टी के नाम पर खरीदा गया था जिसके लिए दान का इरादा था, और पैसा संबंधित राजनीतिक दल को उपलब्ध कराया गया था।
क्या चुनावी बॉन्ड में निवेशकों को कोई कर लाभ मिलता है?
किसी राजनीतिक दल को सीधे दान देने के बजाय, चुनावी बॉन्ड के माध्यम से दान देना आयकर अधिनियम की धारा 80GGB और 80GGC के तहत कटौती के लिए पात्र हो जाते है।