– पीड़ितों के सम्मान में अमेरिका का ध्वज आधा झुका रहेगा, हमला करने वालों को ढूंढ-ढूंढकर मारेंगेः जो बाइडन
काबुल :- अफगानिस्तान में गुरुवार को हुए सीरियल आत्मघाती हमलों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 109 हो गई है और 98 लोग घायल हैं। इनमें से 62 लोगों की हालत गंभीर है। मरने वालों में 13 अमेरिकी सैनिक भी हैं। इस दौरान 20 अमेरिकी सैनिक घाय़ल हुए हैं, जिनमें से 8 की हालत गंभीर है। इस आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट आतंकवादी संगठन ने ली है। दो आत्मघाती हमलावरों में से एक अफगानिस्तान से था और एक अन्य पाकिस्तान से था। पिछले 20 साल में अमेरिका के लिए यह सबसे बड़ा सैन्य नुकसान बताया जा रहा है। उधर, रूस ने तीन बम धमाके की बात कही है।
इसी बीच व्हाइट हाउस की ओर से एक बड़ी घोषणा की गई है कि अफगानिस्तान के काबुल में आतंकवादी हमलों में मारे गए पीड़ितों के सम्मान में 30 अगस्त की शाम तक अमेरिका का ध्वज आधा झुका रहेगा।
हमले की जिम्मेदारी फिलहाल अभी तक किसी ने सीधे तौर पर नहीं ली है, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने इस्लामिक स्टेट के अफगान सहयोगी, आईएसआईएस-खुरासान पर उंगली उठाई है, जो पश्चिम और तालिबान दोनों के दुश्मन के रूप में उभरा है।
अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया ने एयरपोर्ट पर आइएस द्वारा बम धमाकों की आशंका जताते हुए बुधवार को ही अपने देश के नागरिकों को एयरपोर्ट के बाहर जमा होने से पहले ही रोक दिया था।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार एक बम धमाका एयरपोर्ट के अब्बे गेट पर और दूसरा धमाका एयरपोर्ट के बाहर बैरन होटल के पास हुआ। दोनों घटनास्थल आस-पास ही हैं। हमले में कई अफगान नागरिक भी हताहत हुए हैं। घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है। इमरजेंसी अस्पताल के अनुसार बम धमाकों में घायल 140 से अधिक लोगों को इलाज के लिए लाया गया है। घटना के बाद मौके पर काफी देर तक अफरातफरी की स्थिति रही।
खौफनाक मंजर
हवाई अड्डे के बाहर इंतजार कर रहे अफगान नागरिक आदम खान ने बताया कि धमाका हवाई अड्डे में प्रवेश के लिए इंतजार कर रहे लोगों के बीच हुआ। उसने बताया कि वह धमाके वाली जगह से करीब 30 मीटर दूर था। उसके मुताबिक धमाके में कुछ लोग मृत और घायल नजर आ रहे थे तथा कुछ लोगों के अंगभंग हो गए थे।
अफगानिस्तान में पशुशाला चलाने वाले ब्रिटेन के एक पूर्व रायल मैरीन पाल पेन फारथिंग ने बताया कि अचानक हमने गोलियां चलने की आवाज सुनी और हमारे वाहन को निशाना बनाया गया। अगर हमारे ड्राइवर ने वाहन को मोड़ा नहीं होता तो एके-47 लिए एक व्यक्ति ने उसके सिर में गोली मार दी होती। हम एयरपोर्ट पर थे, लेकिन अब लौट आए हैं। सब कुछ गड़बड़ है।
तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह ने बम धमाके की घटना को आतंकी वारदात बताया है। हमले की निंदा करते हुए उसने आइएस पर हमला कराने का शक जताया है। उधर, पेंटागन प्रवक्ता जान किर्बी ने हमले की पुष्टि करते हुए अमेरिकी लोगों के हताहत होने की जानकारी दी है। एक अन्य अमेरिकी अधिकारी ने हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई है। अमेरिकी दूतावास ने धमाके को बहुत बड़ा बताते हुए मौके पर गोलीबारी होने की बात भी कही है।
अमेरिकी दूतावास की ओर से कहा गया है कि हवाई अड्डे के पास धमाकों के अलावा गोलीबारी भी हुई है। अमेरिकी नागरिक इस समय हवाईअड्डे की ओर आने से बचें। जो भी नागरिक हवाईअड्डे के विभिन्न गेट पर हैं उनको तुरंत निकल जाना चाहिए।
बाइडन ने शीर्ष अधिकारियों संग की बैठक
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस हमले के बाद अपने शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की है। बाइडन ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम से मुलाकात की जिसमें विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन, ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मिले समेत अन्य कमांडर शामिल थे।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने इस आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा है कि यह घटना अफगानिस्तान की जमीनी हालात की अस्थिरता को रेखांकित करती है। जिसने भी जानबूझकर मासूम लोगों व बच्चों को निशाना बनाया वे हताश लोग हैं।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने जारी किए निर्देश
इन बम धमाकों के बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने एयरलाइनों के लिए अलर्ट जारी किया है। उन्होंने एयरलाइंस को अफगानिस्तान के ऊपर 25 हजार फुट से नीचे उड़ान भरने से बचने के लिए कहा है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि सरकार काबुल में अपना निकासी अभियान जारी रखेगी। जॉनसन ने बम धमाकों के बाद पैदा हुए हालात को लेकर एक आपात बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि ये हमले हमारी प्रगति को बाधित नहीं करने वाले हैं। हम निकासी अभियान के साथ आगे बढ़ेंगे।
अफगानिस्तान छोड़ने की होड़
दरअसल, अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे का बाद वहां से निकलने की आपाधापी में काबुल एयरपोर्ट के अंदर-बाहर हजारों लोग जमा हैं। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश 31 अगस्त तक अपने नागरिकों और मददगार अफगानियों को काबुल से निकालने में जी जान से जुटे हैं।
फ्रांस ने राजदूत वापस बुलाए
फ्रांसी के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने कहा कि फ्रांस काबुल से सैकड़ों अफगान के नागरिकों को निकालने की कोशिश करेगा। फ्रांस के राजदूत भी अफगानिस्तान छोड़ेंगे और वह पेरिस से काम करेंगे।
पेंटागन ने किया था आगाह
अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की ओर से भी लोगों को सतर्क किया गया था। काबुल में अमेरिकी दूतावास की ओर से जारी अलर्ट में कहा गया था कि अमेरिकी और अफगान नागरिक एयरपोर्ट की ओर यात्रा करना टाल दें। यही नहीं एयरपोर्ट के गेट पर जो भी लोग पहले से मौजूद हैं, वे तत्काल वहां से दूर चले जाएं।
Publish by- shivam Dixit
@shivamniwan