India vs Bharat: विपक्षी गठबंधन द्वारा अपना नाम I.N.D.I.A. रखे जाने के बाद से इस मामले पर लगातार बहस छिड़ी हुई है. अब खबर है कि जल्द ही एनसीईआरटी की किताबों में हर जगह ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे जुड़ा एक प्रस्ताव एनसीईआरटी पैनल के सामने पेश किया गया था, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया है.
जानकारी के मुताबिक, पैनल के अध्यक्ष सी.आई इसाक ने कहा कि एनसीईआरटी समिति ने स्कूली पाठ्यपुस्तकों में ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ की सिफारिश की है। उन्होंने यह भी बताया कि समिति ने पाठ्यपुस्तकों में ‘प्राचीन इतिहास’ के स्थान पर ‘क्लासिकल हिस्ट्री’ शुरू करने का प्रस्ताव दिया है। इसके अतिरिक्त, समिति ने सभी विषयों के पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) शुरू करने का सुझाव दिया है।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के डिप्टी सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डी.के. शिवकुमार ने सवाल उठाया कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन फॉरेन सर्विसेज, इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस क्यों कहते हैं? हमारे पासपोर्ट पर लिखा है – रिपब्लिक ऑफ इंडिया… मुझे लगता है कि इस सरकार में कुछ गड़बड़ है… वे भारतीयों के दिमाग को भ्रमित क्यों कर रहे हैं?… उन्होंने जो भी रुख अपनाया है, वह पूरी तरह से जनविरोधी और भारत विरोधी है।”… मैं आपको बता रहा हूं कि उन्हें (एनसीईआरटी) एनडीए सरकार द्वारा मजबूर किया जा रहा है। यह बिल्कुल गलत है…”
‘प्राचीन इतिहास’ के स्थान पर ‘क्लासिकल हिस्ट्री’
एनसीईआरटी द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय समिति ने सभी स्कूली कक्षाओं में ‘इंडिया’ के बजाय ‘भारत’ शब्द का उपयोग करने की सिफारिश की है। स्कूली पाठ्यक्रम में संशोधन के लिए बनी समिति ने यह सिफारिश की है. इसाक ने कहा, “समिति ने सभी स्कूली पाठ्यपुस्तकों में ‘इंडिया’ के बजाय ‘भारत’ शब्द का इस्तेमाल करने की सिफारिश की है। हमने पाठ्यपुस्तकों में ‘प्राचीन इतिहास’ के बजाय ‘क्लासिकल हिस्ट्री ‘ शुरू करने की भी सिफारिश की है।”
“हिन्दू विजय गाथाओं पर जोर”
उन्होंने उल्लेख किया कि समिति ने पाठ्यपुस्तकों में विभिन्न संघर्षों में “हिंदू विजय गाथाओं” पर जोर देने का भी सुझाव दिया है। इसाक ने कहा, “पाठ्यपुस्तकों में हमारी विफलताओं का उल्लेख किया गया है। लेकिन मुगलों और सुल्तानों पर हमारी जीत का नहीं।”
गौरतलब है कि एनसीईआरटी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप स्कूल पाठ्यक्रम में संशोधन कर रहा है। परिषद ने पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तकों और शिक्षण सामग्री को अंतिम रूप देने के लिए हाल ही में 19 सदस्यीय राष्ट्रीय पाठ्यक्रम एवं शिक्षण सामग्री समिति (एनएसटीसी) का गठन किया था।