Political News: भाजपा के खिलाफ बने विपक्षी आईएनडीआई गठबंधन में दरार के संकेत मिलने लगे हैं। कोलकाता में हुई माकपा की दो दिवसीय पोलित ब्यूरो की बैठक रविवार को संपन्न हुई। सूत्रों के मुताबिक बैठक में निर्णय लिया गया है कि आईएनडीआई की समिति में माकपा अपना प्रतिनिधि नहीं भेजेगी। इसकी वजह है कि उसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को भी जगह दी गई है।
गौरतलब है कि है कि 14 सदस्यीय समिति में 14 नंबर की जगह विपक्षी गठबंधन आईएनडीआई गठबंधन ने माकपा प्रतिनिधि के लिए रिक्त रखी थी। माकपा ने बताया कि वह बाद में इस पर अपना उम्मीदवार बताएंगे। बता दें कि पोलित ब्यूरो की बैठक में यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के साथ एक समिति में नहीं रहेगी। इसके अलावा केरल माकपा ने दूसरी ओर यह भी साफ कर दिया है कि वह कांग्रेस के साथ किसी भी समिति में शामिल नहीं हो सकती है। इससे साफ तौर पर पता चलता है कि आईएनडीआईए गठबंधन की समिति में दरार पड़ गई है।
यह भी पढ़ें: देश के इतिहास को दफनाने की कोशिश करने वालों को देश की जनता करारा जवाब देगी : अमित शाह
बड़ी लड़ाई के लिए एक साथ आना जरूरी
हालांकि पार्टी ने कोलकाता की बैठक में स्पष्ट कर दिया है कि वह गठबंधन का हिस्सा रहेगी लेकिन कई बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट की है। पहली बात कि विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए को और मजबूत करेंगे और केंद्र की सत्ता में काबिज भाजपा को कुर्सी से हटाने के लिए एकजुट लड़ाई में साथ देंगे। हालांकि पार्टी ने साफ़ तौर पर यह भी कहा कि ऐसी कोई भी कमेटी नहीं बनाई जानी चाहिए थी जो स्वयं निर्णय ले और दूसरों को उसके द्वारा लिए गए फैसलों को मानना पड़े।
दरअसल आईएनडीआईए गठबंधन की बैठक के मंच पर टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के साथ सीताराम येचुरी की उपस्थिति को लेकर बंगाल माकपा ने तीखी नाराजगी जताई थी। बहरहाल माकपा नेता मोहम्मद सलीम ने कहा था कि बड़ी लड़ाई के लिए सभी को एक साथ आना जरूरी है लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इसका मतलब यह कतई नहीं है कि हम तृणमूल कांग्रेस का समर्थन करेंगे। बता दें कि माकपा ने यह भी साफ किया है कि जो समिति बनाई गई है उसकी जरूरत नहीं थी। अब देखना दिलचस्प होगा कि आईएनडीआईए के फैसलें पर क्या कुछ रुख होता है।