लखनऊ: बुंदेलखंड किसान यूनियन के अध्यक्ष विमल शर्मा ने कहा कि जल जीवन मिशन का प्रदेश में कार्य करा रहे प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने जांच में फंसे आलोक सिन्हा को जल जीवन मिशन के अंतर्गत स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता मिशन (एसडब्लूएसएम) का चार्ज दे रखा है। आलोक सिन्हा की 105 करोड़ की शासकीय क्षति मामले में जांच चल रही है।
किसान नेता विमल शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आदेश है कि किसी अधिकारी को अतिरिक्त प्रभार नहीं दिया जाये। स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता मिशन में जीरो टालरेंस नीतियों की धज्जियां उड़ायी जा रही हैं। लघु सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता आलोक सिन्हा को झांसी मंडल और चित्रकूट मंडल के सभी सातों जिलों का अतिरिक्त प्रभार है। इसके अलावा आन डिपुटेशन एसडब्लूएसएम में मुख्य अभियंता (लेबल टू) का चार्ज भी है।
उन्होंने कहा कि आलोक सिन्हा मूल विभाग लघु सिंचाई को छोड़े नहीं है, ना ही एनओसी ली है। फिर भी अप्रैल 2021 से 17 जुलाई 2021 तक जल मिशन में कार्य किया। यही नहीं, बीते 10 अप्रैल 2021 को मुख्य अभियंता स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के रुप में उन्होंने 08 राज्यों में प्रतिबंधित कम्पनी रश्मि मेटैलिक्स से अनुबंधित कम्पनियों को उसके डीआई पाइप एवं अन्य उत्पाद खरीदने का आदेश दे दिया।
उन्होंने कहा कि श्री सिन्हा मुख्य अभियंता लेबल टू के रुप में चयन होने के बाद अपने मूल विभाग लघु सिंचाई विभाग बिना कार्य मुक्त हुए, तीन पदों को अवैधानिक रुप से अपने पास हथियाएं हुए हैं। जो पूर्णरुप से गलत है। उनसे कार्य लेने वाले प्रमुख सचिव को इसकी जांच करानी चाहिए।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि आप सांसद संजय सिंह ने ‘जल जीवन मिशन’ में भ्रष्टाचार का जो आरोप लगाये हैं। बुंदेलखंड किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने बीते कई माह से बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, झांसी, जालौन, ललितपुर जनपदों में मिशन से जुड़े अधिकारियों की मनमानी और भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे थे।