भारत के अंश से बना पाकिस्तान इन दिनों दिवालिया होने की कगार पर हैं या यूँ कह लो की लगभग हो ही चुका हैं ,लेकिन बजाय इसका समाधान निकालने के गरीब देश पाकिस्तान अभी भी धर्मों के रीती रिवाज़ो को मिटाने में लगा हुआ हैं,इतना ही नहीं आज पाकिस्तान में इस्लामिक कायदे-कानूनों के कारण दूसरे मजहब खासकर हिन्दू ,के लोगों का चैन से जीना मुश्किल होता जा रहा हैं,आपको बता दें की पाकिस्तान में हिंदू, बौद्ध और क्रिश्चियनों के अधिकार मुसलमानों के मुकाबले कम होते जा रहे हैं,
ऐसा ही एक मुद्दा फ़िलहाल सामने आया हैं दरअसल पाकिस्तान के सभी शैक्षणिक संस्थानों में होली समारोह पर रोक लगा दी गयी है,जिसका मतलब हैं की पाकिस्तान के किसी भी स्कूल में अब होली नहीं खेलने दी जाएगी.
इस्लामी पहचान के उलट हैं होली जैसा त्यौहार
दरअसल ये खबर इसी साल होली के मौके पर पाकिस्तानी स्कूलों में हिंदुओं पर हुए जानलेवा हमलों के बाद सामने आई है. सूत्रों की माने तो पाकिस्तान के ‘आज न्यूज’ की रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तानी हाईयर एजुकेशन कमीशन यानी उच्च शिक्षा आयोग ने सभी शैक्षणिक संस्थानों में होली समारोह पर यह कहते हुए प्रतिबंध लगा दिया है कि इस तरह की गतिविधियां देश के सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों से पूरी तरह अलग हैं और देश की इस्लामी पहचान के बिलकुल उलट हैं|
उच्च शिक्षा आयोग ने सफाई में क्या कहा
आपको बता दें की शिक्षा आयोग ने कहा “हालांकि इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि सांस्कृतिक, जातीय और धार्मिक विविधता एक समावेशी और सहिष्णु समाज की ओर ले जाती है, जो सभी धर्मों और पंथों का गहराई से सम्मान करता है, मगर अभी हमने स्कूलों में होली सेलिब्रेशन को प्रतिबंधित किया है, जो देश की इस्लामी रीति-रिवाजों से ताल्लुक नहीं रखता. इस फैसले को बिना नपे-तुले ढंग से स्वीकार करने की आवश्यकता है. छात्रों को इस बारे में और जागरूक होने की आवश्यकता है, और उन्हें अपनी परोपकारी आलोचनात्मक सोच का भी उपयोग करना चाहिए|

