Mayawati: लखनऊ में रविवार को 69,000 शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने बड़ा प्रदर्शन किया। अभ्यर्थी बसपा सुप्रीमो और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के मॉल एवेन्यू स्थित आवास के बाहर जुटे और नारेबाजी शुरू कर दी।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वे मायावती से मिलकर अपनी बात रखना चाहते हैं ताकि उनके साथ हो रहे अन्याय पर बहनजी ध्यान दें। वे “बहनजी न्याय दिलाओ”, “पिछड़ों को न्याय दिलाओ” जैसे नारे लगा रहे थे।
जब वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो अभ्यर्थी और अड़ गए और आवास के बाहर धरने पर बैठ गए। मौके पर माहौल कुछ समय के लिए तनावपूर्ण हो गया। इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अभ्यर्थियों को वहां से हटाया और इको गार्डेन की ओर ले गई।
सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला
इन अभ्यर्थियों का कहना है कि वे लंबे समय से लखनऊ में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन उनकी बात अब तक नहीं सुनी गई। वे पहले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, मंत्री ओम प्रकाश राजभर और कई अन्य नेताओं के आवास पर भी जा चुके हैं।
अभ्यर्थियों का आरोप है कि शिक्षक भर्ती से जुड़ा मामला हाई कोर्ट में साफ हो गया था, लेकिन सरकार ने उस फैसले को लागू नहीं किया, जिससे मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया।
अभ्यर्थियों ने कहा कि वे आरक्षित वर्ग के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं और चाहते हैं कि जो नेता खुद को पिछड़ों की आवाज बताते हैं, वे अब सच में उनकी मदद करें। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जातीं, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे और बारी-बारी सभी नेताओं के घर जाकर अपनी बात रखेंगे। अभ्यर्थियों का कहना है, “हम बस न्याय चाहते हैं। कभी न कभी हमारी आवाज जरूर सुनी जाएगी।”
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