नोएडा पुलिस ने GST धोखाधड़ी मामले में तीन अतिरिक्त आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। इस मामले में इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने के लिए तीन हजार से अधिक फर्जी कंपनियां बनाई गई थीं, जिससे सरकार को 15,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। आरोपियों में दिल्ली के पंजाबी बाग निवासी संजय ढींगरा, कनिका ढींगरा और मयंक ढींगरा शामिल हैं। तीनों अभी भी जेल में हैं और वे एक ही परिवार के सदस्य हैं।
3600 पन्नों की चार्जशीट
एसीपी प्रवीण कुमार सिंह के अनुसार, चार्जशीट में करीब 3600 पन्ने हैं और इसमें आरोपियों द्वारा बनाई गई फर्जी कंपनियों के बारे में विस्तृत जानकारी शामिल है। इसमें उन खातों के दस्तावेज भी शामिल हैं, जिनसे फर्जी आईटीसी का दावा किया गया और इन खातों में जमा की गई रकम। अब तक 46 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किए जा चुके हैं और 49 को गिरफ्तार कया जा चुका है। नोएडा पुलिस द्वारा प्रभावी अभियोजन के कारण अभी तक किसी भी आरोपी को जमानत नहीं मिली है। कई अन्य संदिग्धों की भी जांच चल रही है।
कल हुई थी संपत्ति जब्त
GST धोखाधड़ी के सिलसिले में कई अरबपति कारोबारियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके अलावा, रविवार को सेक्टर-20 पुलिस ने दिल्ली के वजीराबाद के पुनीत और रोहिणी के संजय गर्ग के आवासों पर संपत्ति जब्ती अभियान चलाया। जब्त की गई संपत्ति की कीमत करीब ₹50 लाख है, जिसे पुलिस थाने ले आई है। जल्द ही अन्य आरोपियों की संपत्ति जब्त करने की उम्मीद है।
कैसे की गई GST धोखाधड़ी
आरोपियों ने देश के विभिन्न हिस्सों से लाखों लोगों के पैन और आधार कार्ड का डेटा हासिल किया और इस डेटा का इस्तेमाल फर्जी कंपनियां खोलने में किया। ये कंपनियां सिर्फ कागजों पर थीं। इसके बाद उन्होंने जीएसटी नंबर हासिल किए और रिफंड का दावा करने के लिए फर्जी चालान बनाए, जिससे सरकार को वित्तीय नुकसान हुआ। जालसाजों ने इन फर्जी कंपनियों को उनके जीएसटी नंबर के साथ बेच भी दिया। इन फर्जी कंपनियों के जरिए कालेधन को सफेद किया जा रहा था। इनामी समेत कई आरोपी अभी भी फरार हैं। नोएडा पुलिस की चार टीमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश और अन्य स्थानों पर संभावित ठिकानों पर सक्रिय रूप से छापेमारी कर रही हैं। कई संदिग्धों की चल-अचल संपत्तियां पहले ही जब्त की जा चुकी हैं।

