Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ यात्रा के दौरान रामबन जिले के चंदरकोट लंगर के पास एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। यात्रियों को लेकर जा रही काफिले की चार बसें आपस में टकरा गईं, जिसमें 36 तीर्थयात्री घायल हो गए। शुरुआती जांच में सामने आया है कि एक बस के ब्रेक फेल हो गए थे, जिससे ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया और अन्य तीन बसों से टकरा गया।
रेस्क्यू टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर घायलों को रामबन जिला अस्पताल में भर्ती कराया। शेष यात्रियों को दूसरी गाड़ियों के माध्यम से पहलगाम रवाना किया गया।
दर्शन करने वालों की संख्या 30 हजार पार
भारी बारिश के बावजूद अमरनाथ यात्रा का जोश बरकरार है। शनिवार को भगवती नगर बेस कैंप से 6,900 से अधिक श्रद्धालु रवाना हुए। इनमें 5,196 पुरुष, 1,427 महिलाएं, 24 बच्चे, 331 साधु-साध्वी और एक ट्रांसजेंडर शामिल था।
यात्रा की शुरुआत 3 जुलाई से हुई थी और अब तक 30,000 से ज्यादा श्रद्धालु पवित्र गुफा में हिम शिवलिंग के दर्शन कर चुके हैं।
3.5 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने कराया रजिस्ट्रेशन
इस वर्ष यात्रा के लिए अब तक 3.5 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। जम्मू में सरस्वती धाम, वैष्णवी धाम, पंचायत भवन और महाजन सभा जैसे सेंटरों में प्रतिदिन करीब 2000 रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं।
श्रद्धालुओं की मौत और पुलिसकर्मी घायल
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से आए दिलीप श्रीवास्तव की शेषनाग बेस कैंप में अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। उन्हें बेस कैंप अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
वहीं, अनंतनाग जिले में ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल शब्बीर अहमद से गलती से सर्विस राइफल से फायर हो गया। उन्हें पहलगाम अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सुरक्षा व्यवस्था में कोई चूक नहीं
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 581 सुरक्षा कंपनियों को यात्रा मार्गों पर तैनात किया गया है। इसमें सीआरपीएफ, बीएसएफ, एसएसबी, आईटीबीपी और सीआईएसएफ शामिल हैं।
बालटाल से गुफा तक हर 2 किमी पर मेडिकल कैंप लगाए गए हैं। साथ ही पैदल, घोड़े और पालकी से आने वाले यात्रियों के लिए अलग-अलग मार्ग निर्धारित किए गए हैं।
पहलगाम बनाम बालटाल,कौन सा रूट बेहतर?
➤ पहलगाम रूट:
अगर आप प्रकृति का आनंद लेना चाहते हैं तो पहलगाम रूट आपके लिए उपयुक्त है। हालांकि यह रूट लंबा (करीब 48 किमी) और थकाने वाला है, लेकिन इसमें चढ़ाई अपेक्षाकृत आसान है। यह मार्ग चंदनवाड़ी, पिस्सू टॉप, शेषनाग और पंचतरणी से होते हुए गुफा तक पहुंचाता है।
➤ बालटाल रूट:
यह रूट छोटा (14 किमी) और समय की बचत वाला है, लेकिन खड़ी और कठिन चढ़ाई के कारण बुजुर्गों के लिए मुश्किल हो सकता है। रास्ता संकरा और घुमावदार है, जिसमें सावधानी जरूरी है।
यात्रा में रखें ये जरूरी बातें ध्यान
- यात्रा के दौरान मेडिकल सर्टिफिकेट, 4 पासपोर्ट साइज फोटो, RFID कार्ड, और आधार कार्ड जरूर साथ रखें।
- 4-5 किलोमीटर प्रतिदिन चलने की प्रैक्टिस करें और सांस संबंधी योग (प्राणायाम) को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
- यात्रा में ऊनी कपड़े, रेनकोट, ट्रैकिंग स्टिक, पानी की बोतल, और जरूरी दवाइयों से भरा बैग जरूर रखें।
यात्रा का समापन रक्षाबंधन पर
अमरनाथ यात्रा इस बार 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त, रक्षाबंधन के दिन संपन्न होगी। यह यात्रा कुल 38 दिनों की है। पिछले साल यह यात्रा 52 दिन तक चली थी और 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे।
सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहे
अमरनाथ यात्रा एक अद्भुत धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव है, लेकिन इसके साथ सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहना बेहद जरूरी है। चाहे आप पहलगाम के खूबसूरत नजारों के लिए आए हों या बालटाल के फुर्तीले मार्ग से बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए, इस यात्रा में संयम, नियम और श्रद्धा सबसे जरूरी साथी हैं।
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