महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल जारी है NCP में अजित पवार की बगावत के बाद अब सीनियर और जूनियर पवार के बीच जंग चल रही है। अजित पवार की बगावत के बाद 4 जुलाई को महाराष्ट्र में बैठकों का दौर चला हीं, डिप्टी सीएम अजित पवार और एनसीपी के उनके सहयोगी मंत्री पद की शपथ लेने के बाद पहली बार कैबिनेट बैठक में शामिल हुए।
अजित पवार ने एकनाथ शिंदे गुट में एंट्री तो कर ली लेकिन अब शिंदे गुट में खलबली मच रही है बताया जा रहा है कि मंत्री पद और विभागों के बंटवारे को लेकर हर तरफ घमासान मचा हुआ है। खासतौर पर शिंदे कैंप को सबसे ज्यादा चिंता सता रही है। रिपोर्ट के मुताबिक 4 जुलाई को एकनाथ शिंदे ने अपने दोनों डिप्टी देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के साथ एक बैठक की, लेकिन इस बैठक में भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया।
विभागों के आवंटन को लेकर हर तरफ काफी हलचल देखी जा रही है। रिपोर्ट में शिंदे कैंप की खामोशी का भी जिक्र किया गया है। जिसमें सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि शिंदे कैंप कैबिनेट बैठक के दौरान काफी शांत नजर आ रहा था, वहीं अजित पवार कैंप काफी एग्रेसिव था। इसके अलावा इस दौरान देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के बीच खूब बातचीत हुई, जबकि सीएम को दरकिनार कर दिया गया।
विभागों के बंटवारे पर असली बवाल तब शुरू हुआ जब बीजेपी की तरफ से प्रस्ताव रखा गया कि वित्त विभाग की जिम्मेदारी अजित पवार को सौंप दी जाए, इतना ही नहीं शिंदे गुट के कुछ नेताओं का विभाग भी बदलने की बात हुई, जिससे सीएम नाराज नजर आए। शिंदे गुट ने पवार को वित्त विभाग दिए जाने के प्रस्ताव का विरोध किया है। जिसके बाद फिर से इसे लेकर एक बैठक हो सकती है।
एकनाथ शिंदे के साथ 40 विधायकों ने शिवसेना से अलग होकर बीजेपी को समर्थन दिया था और सरकार बनाई थी, लेकिन अब बीजेपी को अजित पवार के तौर पर एक और नया दोस्त मिल गया है। ऐसे में पुराने दोस्त यानी एकनाथ शिंदे को इस बात का डर है कि कहीं बीजेपी उनका हाथ न छोड़ दे। शिंदे गुट के कई विधायकों ने इस पर सवाल भी उठाया है। विधायकों का कहना है कि जब हमारे पास पूर्ण बहुमत था तो अजित पवार को शामिल करने की जरूरत क्यों पड़ी?
शिंदे गुट में हलचल का एक कारण विपक्षी नेताओं के बयान भी माने जा रहे हैं. संजय राउत समेत कई नेताओं ने दावा किया है कि अजित पवार जल्द ही शिंदे की जगह लेने जा रहे हैं। राउत ने दावा किया था कि जल्द ही शिंदे सीएम की कुर्सी को खो देंगे। इसके अलावा कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा किया कि बीजेपी ने अजित पवार से मुख्यमंत्री पद की डील की है। शिंदे को सीएम पद से हटाकर इसे अजित पवार को देने की सौदेबाजी हुई है। इन्हीं तमाम बयानों के बीच सरकार में शामिल शिंदे गुट में हड़कंप मचा हुआ है और शिवसेना के इन बागी नेताओं को सत्ता से बाहर होने का डर सताने लगा है।