खालिस्तानी समर्थक और वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह अब भी पुलिस गिरफ्त से बहार है। पुलिस लगातार उसे पकड़ने के लिए छापेमारियां कर रही है। पंजाब पुलिस ने कट्टरपंथी अमृतपाल के खिलाफ 18 मार्च को ऑपरेशन शुरू किया था। पंजाब के जालंधर के नजदीक महतपुर बार्डर से अमृतपाल पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था।
पुलिस ने फरार चल रहे अमृतपाल को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। वह पंजाब छोड़ पडोसी राज्य उत्तराखंड भाग गया है। वह उत्तराखंड जाने से पहले हरियाणा में भी दो दिन तक रुका था। वह हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिला के शाहबाद में 19 और 20 मार्च को रुका था। हरियाणा पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अमृतपाल को पनाह देने वाली महिला को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में महिला ने बताया कि अमृतपाल उससे यह बोलकर गया था कि वह उत्तराखंड जा रहा है।
अमृतपाल को 158 विदेशी खातों से फंडिंग की जा रही
वही दूसरी ओर पंजाब पुलिस ने भी बड़ी कार्रवाई करते हुए अमृतपाल के सुरक्षाकर्मी तथा सा थी तजिंदर सिंह उर्फ गोरखा बाबा को लुधियाना में गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ़्तारी के बाद उससे लगातार पूछताछ की जा रही है। वह अजनाला कांड में भी आरोपी है। पुलिस और खुफिया एजेंसियों को जांच के दौरान पता चला कि अमृतपाल को 158 विदेशी खातों से फंडिंग की जा रही थी। इनमें से 28 खातों से पांच करोड़ से ज्यादा की रकम भेजी गई थी। इन खातों का संबंध पंजाब के माझा और मालवा से है। अमृतसर, तरनतारन, बटाला, गुरदासपुर, जालंधर, नवांशहर, कपूरथला और फगवाड़ा के खातों का संबंध अमृतपाल से मिला है।
बता दें कि पंजाब के मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक ने आज गुरुवार को चंडीगढ़ में एक बैठक करके प्रदेश के मौजूदा हालातों की समीक्षा की है। इसके बाद पाकिस्तान से सटे फिरोजपुर और तरनतारन जिला में इंटरनेट पर पाबंदी को शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक बढ़ा दिया गया है। आज सरकार ने अजनाला, मोगा, संगरूर और मोहाली से इंटरनेट की पाबंदी हटा दी है। अमृतपाल के भाई हरप्रीत सिंह समेत उसके 11 साथियों को पुलिस ने कड़ी सुरक्षा में बाबा बकाला कोर्ट में पेश किया। जहां कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया है।