Delhi News:दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद अपने कामकाज को गति दे दी है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अगुवाई में नई सरकार अब पूरी तरह ऐक्शन मोड में नजर आ रही है। इसी कड़ी में 24 फरवरी से तीन दिवसीय विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है, जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी।
विधानसभा सत्र में क्या-क्या होगा?
भाजपा सरकार द्वारा बुलाए गए इस विशेष सत्र के दौरान सबसे पहले प्रोटेम स्पीकर सभी विधायकों को शपथ दिलाएंगे, इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। इसके अलावा, सरकार अपने चुनावी वादे के तहत पिछले पांच वर्षों से लंबित कैग (CAG) की 14 रिपोर्ट भी सदन में पेश करेगी। इनमें कथित शराब घोटाले और मुख्यमंत्री आवास (शीशमहल) से जुड़ी रिपोर्ट भी शामिल हैं, जो आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं।
पीएम मोदी ने दिया था आश्वासन
भाजपा की जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 फरवरी को पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि दिल्ली की जनता ने बड़ा जनादेश दिया है और अब भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने घोषणा की थी कि पहले ही विधानसभा सत्र में सीएजी की रिपोर्ट पेश की जाएगी और भ्रष्टाचार की जांच कराई जाएगी। पीएम मोदी ने कहा था,
“आपदा वालों ने अपने हर घोटाले को छिपाने के लिए रोज नई-नई साजिशें रचीं। लेकिन अब दिल्ली का जनादेश आ चुका है। मैं गारंटी देता हूं कि पहले विधानसभा सत्र में ही सीएजी की रिपोर्ट सदन में रखी जाएगी। हर भ्रष्टाचार की जांच होगी और जिसने जनता का धन लूटा है, उसे लौटाना पड़ेगा।”
भाजपा की पुरानी मांग अब होगी पूरी
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी की सरकार के दौरान भाजपा लगातार इन रिपोर्ट्स को सार्वजनिक करने की मांग कर रही थी। यहां तक कि भाजपा विधायकों ने इसे लेकर अदालत का भी दरवाजा खटखटाया था, जहां आम आदमी पार्टी सरकार को फटकार मिली थी। हालांकि, चुनावी प्रक्रिया शुरू होने के कारण रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जा सका था। अब 24 फरवरी से शुरू हो रहे विशेष सत्र में इन रिपोर्ट्स को सदन में रखा जाएगा।
शराब घोटाले और ‘शीशमहल’ को लेकर बढ़ेंगी मुश्किलें
चुनाव प्रचार के दौरान कथित शराब घोटाले और मुख्यमंत्री आवास से जुड़ी कुछ रिपोर्ट्स के अंश मीडिया में लीक हुए थे। इन रिपोर्ट्स में कई ऐसे तथ्य सामने आए थे जो आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की छवि पर सवाल खड़े कर सकते थे। हालांकि, आम आदमी पार्टी ने इन सभी आरोपों को झूठा करार दिया था।