हाथरस भगदड़ मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (SIT) ने सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में भीड़भाड़ को दुर्घटना का कारण बताया है, जिसमें 121 से अधिक लोगों की जान चली गई। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, SIT रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘सत्संग’ का आयोजन करने वाली समिति अनुमत संख्या से अधिक लोगों को बुलाने के लिए जिम्मेदार थी। इसके अलावा, उन्होंने पर्याप्त व्यवस्था नहीं की थी और सभा आयोजित करने से पहले मौके का निरीक्षण नहीं किया गया था। सत्संग में 2 लाख से अधिक लोग शामिल हुए थे, जबकि प्राधिकारियों ने केवल 80,000 लोगों के लिए अनुमति मांगी थी।
SIT रिपोर्ट में बाबा को क्लीन चिट
इससे पहले, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित न्यायिक आयोग ने कई प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए थे। 6 जुलाई को स्वयंभू बाबा भोले बाबा उर्फ सूरज पाल सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। मामले में दर्ज पहली FIR में उनका नाम नहीं था। हालांकि, भोले बाबा के वकील ने दावा किया कि कुछ अज्ञात बदमाशों ने कार्यक्रम के दौरान जहरीली गैस का छिड़काव किया, जिससे भगदड़ मच गई। उन्होंने दावा किया कि अराजकता फैलाने के बाद साजिशकर्ताओं का समूह कार्यक्रम स्थल से भाग गया। मामले में 2 जुलाई को मुख्य संदिग्ध देव प्रकाश मधुकर को 5 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया गया।
धार्मिक कार्यक्रम के दौरान 121 लोगों की मृत्यु
पिछले हफ़्ते यूपी के हाथरस में भोले बाबा को समर्पित एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान 121 लोगों की मृत्यु हो गई थी। यह घटना कथित तौर पर तब हुई जब भोले बाबा के समर्थक उनके चरण रज के लिए उनके पीछे दौर रहे थे। कई दिनों तक चुप रहने के बाद भोले बाबा ने शनिवार को अपने कार्यक्रम में हुई मौतों पर दुख व्यक्त किया और कहा कि अराजकता फैलाने वाले लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, 2 जुलाई की घटना से मैं बहुत दुखी हूं। ईश्वर हमें इस पीड़ा को सहने की शक्ति दे। कृपया सरकार और प्रशासन पर भरोसा रखें। मुझे विश्वास है कि अराजकता फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। मैंने अपने वकील एपी सिंह के माध्यम से समिति के सदस्यों से अनुरोध किया है कि वे शोकाकुल परिवारों और घायलों के साथ खड़े रहें और जीवन भर उनकी मदद करें।