National Big News : भारत ने एक और बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल की है, कतर में मौत की सजा को भुगतने वाले भारतीय नौसेना के आठ पूर्व जवानों को दोहा की अदालत ने रिहा कर दिया है। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने सोमवार(12फरवरी) को एक बयान में जारी किया कि आठ भारतीय नौसेना में से सात भारत वापस आ गए हैं।
कौन हैं भारतीय नौसेना के आठ पूर्व जवान और क्यों कतर में जी रहे थे मौत की सजा जानें
दोहा में स्थित अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी के साथ काम करने वाले भारतीय नौसेना के आठ पूर्व जवानों को पिछले साल 28 दिसंबर को कतर की अपील अदालत ने राहत दी थी। उस समय, अदालत ने मौत की सजा को कम किया और उन्हें जेल की सजा सुनाई। इन जवानों में से कैप्टन नवतेज गिल को राष्ट्रपति गोल्ड मेडल भी मिला है।
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पूर्णेंदु तिवारी को 25 साल की जेल की सजा दी गई थी, जबकि रागेश को तीन साल की सजा दी गई थी। चार पूर्व अधिकारियों को 15 साल की जेल की सजा दी गई थी और दो अन्य को 10 साल की सजा दी गई थी। पूर्व नौसैनिकों पर कतर ने जासूसी के आरोप लगाए थे।
लगातार भारत सरकार के प्रयासों के बाद पूर्व नौसैनिकों की भारत में हुई वापसी
भारत सरकार ने इस मामले में लगातार प्रयास किए हैं और अपने नागरिकों की मदद के लिए सभी कानूनी विकल्पों का विचार किया है। कतर की अपील अदालत के फैसले को भारत के लिए एक बड़ी राजनीतिक जीत के रूप में भी देखा जा रहा है।
पूर्व नौसैनिकों ने रिहाई को लेकर प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया
पूर्व नौसैनिकों ने अपनी रिहाई के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया, कहा कि उन्होंने अपने वतन लौटने का 18 महीने तक इंतजार किया उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहयोग का शुक्रिया अदा किया, जिनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप और कतर के साथ समीकरण ने इसे संभव बनाया। वे भारत सरकार के प्रयासों के लिए भी आभारी हैं, और उनके बिना ऐसा दिन देखना संभव नहीं था।