इस समय उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे भारत में अतीक अहमद और अशरफ की हत्या को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। कहीं-कहीं अतीक और अशरफ के पक्ष में नारे भी लगाए जा रहे हैं लेकिन अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में भी अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता और बेटे के पक्ष में डीडीयू के बर्खास्त प्रोफेसर धरने पर बैठ गए। बता दें कि कि लगभग 6 सालों तक सम्पूर्णानन्द मल्ल गोरखपुर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर तैनात रहे।बाद में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था लेकिन फिर अब फिर से इनकी चर्चा धरने को लेकर हो रही है।
प्रोफेसर ने आज टाउन हॉल के गांधी प्रतिमा के समक्ष अपनी 3 सूत्रीय मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। इस दौरान पुलिस और सरकार द्वारा किए गए कार्रवाई को उन्होंने गलत बताया। उन्होंने कहा कि अतीक अहमद और उसके लड़के असद की हत्या की गई है।अब शाइस्ता की तलाश में पुलिस लगी है। ऐसे में मुझे डर है कि शाइस्ता के पकड़े जाने के बाद पुलिस द्वारा उसके साथ भी कोई घटना घटित हो सकती है। इसलिए मैं मांग करता हूं कि शाइस्ता के साथ नरमी बरती जाए क्योंकि जिसके बेटे पति और देवर की हत्या हो जाए उसके ऊपर क्या बीतेगा यह केवल वही जान पाएगा। इसलिए मेरी मांग है।कि शाइस्ता को बाइज्जत न्यायालय में पेश किया जाए।उसके साथ नरमी बरती जाए।
असद का एनकाउंटर हूआ होता तो दोनों तरफ से फायरिंग होती
उन्होंने असद के एनकाउंटर को हत्या बताते हुए कानून के दायरे में रहकर करवाई करने की बात कही है। जब उनसे पूछा गया की शाइस्ता के ऊपर कई गंभीर मुकदमे दर्ज हैं और वह इनामी है। ऐसे में उसको खुद सरेंडर कर देना चाहिए तो उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा इतने डर का माहौल बना दिया गया है।कैसे कोई सरेंडर कर पाएगा। उन्होंने कहा कि अगर असद का एनकाउंटर हूआ होता तो दोनों तरफ से फायरिंग होती लेकिन यह सोची समझी साजिश के तहत बच्चे की हत्या की गई है। एसटीएफ ने असद को एकतरफा गोली मारी है। पूरे प्रदेश में डर का माहौल बना दिया गया है। हम मांग करते हैं कि पुलिस कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई करें। आप इतना डरावना वातावरण बना चुके हैं कि बेटे का मर्डर पति का मर्डर और देवर का मर्डर किया गया है। इसलिए शाइस्ता दहशत के कारण फरार है और सरेंडर नहीं कर रही है।
प्रोफेसर ने आगे कहा कि शाइस्ता के पति को तब गोली मारा गया जब वो हथकड़ी में पुलिस की कस्टडी में था।जब उसे कोर्ट द्वारा आजीवन कारावास की सजा हुई थी तो गोली कैसे मार दिया गया जबकि वह पुलिस की कस्टडी में था। शाइस्ता को सरेंडर करने के सवाल पर उन्होंने कहा क्यों सरेंडर कर दे क्या पता कि पुलिस उसके साथ भी कोई घटना घटित कर दें।