IND Vs AUS 2nd Test: भारतीय क्रिकेट टीम को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दूसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 10 विकेट से करारी हार का सामना करना पड़ा। पिंक बॉल से खेले गए इस डे-नाइट टेस्ट मैच में भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। इस हार के साथ ऑस्ट्रेलिया ने पांच मैचों की सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली।
पहले टेस्ट में पर्थ में धमाकेदार जीत दर्ज करने वाली टीम इंडिया एडिलेड में बिखर गई। पर्थ में जहां बल्लेबाजों और गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया था, वहीं एडिलेड में पूरी टीम फ्लॉप रही।
पर्थ के हीरो एडिलेड में क्यों हुए जीरो?
पर्थ टेस्ट में यशस्वी जायसवाल और विराट कोहली के शतकों ने भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाया था, जबकि जसप्रीत बुमराह ने 8 विकेट लेकर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी को तहस-नहस कर दिया था। लेकिन एडिलेड में हालात बिल्कुल उलट हो गए।
भारतीय टीम की इस शर्मनाक हार के तीन प्रमुख कारण सामने आए हैं:
1. रोहित शर्मा का फ्लॉप प्रदर्शन:
इस मैच में नियमित कप्तान रोहित शर्मा की वापसी हुई, लेकिन उन्होंने मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। यह फैसला टीम के लिए महंगा साबित हुआ। रोहित पहली पारी में मात्र 6 और दूसरी पारी में 3 रन ही बना सके। अगर रोहित ओपनिंग करने आते और ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के खिलाफ आक्रामक खेल दिखाते, तो शायद नतीजा कुछ और होता।
2. भारतीय बल्लेबाजों का डिफेंसिव अप्रोच:
भारतीय बल्लेबाजों ने दोनों पारियों में रन बनाने की कोशिश नहीं की। जहां ऑस्ट्रेलिया के ट्रेविस हेड ने आक्रामक खेलते हुए शतक जमाया, वहीं भारतीय बल्लेबाज जरूरत से ज्यादा डिफेंसिव नजर आए। नितीश कुमार रेड्डी ही ऐसे एकमात्र बल्लेबाज थे जिन्होंने दोनों पारियों में सर्वाधिक रन बनाए और सकारात्मक अप्रोच दिखाई। लेकिन बाकी बल्लेबाज उनका साथ नहीं दे सके।
3. गेंदबाजों की रणनीति का फेल होना:
एडिलेड टेस्ट में भारतीय गेंदबाज अपनी रणनीति के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सके। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज जहां भारतीय बल्लेबाजों को मजबूर कर रहे थे कि वे गलतियां करें, वहीं भारतीय गेंदबाज बाहरी लाइन पर गेंदबाजी करते दिखे। पर्थ में गेंदबाजों ने जिस अनुशासन और आक्रामकता के साथ गेंदबाजी की थी, उसकी कमी एडिलेड में साफ झलकी।
ये भी पढें..
Noida: कैब चालक पर मेडिकल छात्रा ने लगाया छेड़छाड़ और मारपीट का आरोप, पुलिस कर रही जांच
आगे की रणनीति पर उठे सवाल
टीम इंडिया की यह हार उनके प्रदर्शन पर कई सवाल खड़े कर रही है। पिंक बॉल से खेलने का अनुभव और बल्लेबाजी क्रम में किए गए बदलाव पर विचार करना जरूरी है। अगले तीन टेस्ट मैचों में भारतीय टीम को रणनीति में बदलाव कर जीत की ओर लौटने का रास्ता खोजना होगा।